22.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डेढ़ सौ से अधिक फ्लाई ऐश वाहनों को रोककर जताया गया विरोध, चालकों को दी गयी चेतावनी

पुरुलिया जिला में स्थित एक पावर प्लांट के ऐशपॉन्ड से फ्लाई ऐश के परिवहन को लेकर स्थानीय लोगों का आंदोलन उग्र रूप ले चुका है. शुक्रवार दोपहर को डिशेरगढ़ पोस्ट ऑफिस के समक्ष मुख्यमार्ग अवरोध करने के बाद रात साढ़े नौ बजे से फ्लाई ऐश ले जा रही वाहनों को रोकने का काम शुरू हुआ, जो मध्यरात्रि दो बजे तक चला. राख लेकर जा रहे डेढ़ सौ से अधिक हाइवा वाहनों को सड़क किनारे रोकने से लंबी जाम लग गयी.

आसनसोल/कुल्टी.

पुरुलिया जिला में स्थित एक पावर प्लांट के ऐशपॉन्ड से फ्लाई ऐश के परिवहन को लेकर स्थानीय लोगों का आंदोलन उग्र रूप ले चुका है. शुक्रवार दोपहर को डिशेरगढ़ पोस्ट ऑफिस के समक्ष मुख्यमार्ग अवरोध करने के बाद रात साढ़े नौ बजे से फ्लाई ऐश ले जा रही वाहनों को रोकने का काम शुरू हुआ, जो मध्यरात्रि दो बजे तक चला. राख लेकर जा रहे डेढ़ सौ से अधिक हाइवा वाहनों को सड़क किनारे रोकने से लंबी जाम लग गयी. बड़ी तादाद में पुलिसकर्मी पहुंचे, लेकिन वे भी लोगों को समझाने में लाचार रहे. परिवहन के दौरान सड़क पर राख के गिरने को उत्पन्न प्रदूषण को लेकर आम लोगों के साथ पुलिस के कर्मी भी परेशान हैं क्योंकि सड़कों पर ड्यूटी के दौरान उन्हें भी इस प्रदूषण का सामना करना पड़ता है. पुलिस ने आंदोलकारियों को समझाया कि सोमवार उच्च माध्यमिक की परीक्षा है और यह जाम इसी तरह बढ़ता रहा तो सुबह को जाम और भयावह हो जायेगा, जिससे परीक्षार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. जिसके उपरांत आंदोलकारियों ने वाहन चालकों को चेतावनी देकर छोड़ दिया कि पुनः राख लेकर आने पर उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. स्थानीय देबदुलाल बनर्जी, मनीष बर्नवाल, शिवदास बाउरी, आकाश चौहान, सौमेन्दू खवास, अमित मुखर्जी ने बताया कि पुरुलिया से फ्लाई ऐश लेकर बड़ी-बड़ी वाहनें डिशेरगढ़ से पश्चिम बर्दवान जिला में प्रवेश करती है और सांकतोड़िया, शीतलपुर, राधानगर, नियामतपुर होकर एनएच-19 से विभिन्न जगहों पर जाती है, कुछ वाहन रूपनारायणपुर होकर झारखंड में भी जाते हैं. राख लदे इन वाहनों से इलाके में जो प्रदूषण फैल रहा है, उससे इस सड़क पर आवागमन करनेवाले यात्रियों के साथ यहां रहनेवाले हजारों की संख्या में लोग त्रस्त हैं. सांस की बीमारी बढ़ रही है. इन वाहनों के चलने से राख सड़क पर गिरते हुए जाता है. यह राख चौबीसों घंटे इलाके में उड़ती रहती है. कोई भी वाहन सड़क से गुजरने पर यह राख चारों ओर फैलती है, सांस लेना मुश्किल हो जाता है. प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि सभी को अवगत कराने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर बाध्य होकर लोगों को सड़क पर उतरना पड़ा है. राख के परिवहन को लेकर कोई समस्या नहीं है, बस इस राख को बंद कंटेनरों में ले जाया जाए, ताकि राख सड़कों और नहीं फैले. ऐसा अगर नहीं होता है तो यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा. गौरतलब है कि थर्मल पावरप्लांट में कोयले के जलने से यह राख बनता है. इस राख का उपयोग ब्रिक्स बनाने में होता है, इसके लिए ड्राई ऐश लगता है. जो फ्लाई ऐश बच जाता है उसे ऐशपॉन्ड में डाल दिया जाता है. इस ऐशपॉन्ड के राख का उपयोग सड़क निर्माण में लैंड फिलिंग के काम में होता है. पुरुलिया जिला में स्थित एक थर्मल पावरप्लांट के ऐशपॉन्ड में जमा राख को पिछले कुछ महीनों से निकाल कर ले जाया जा रहा है, इससे इलाके में जो प्रदूषण फैल रहा है, उसकी कल्पना भी बाहर से लोग नहीं कर सकते हैं. भरी दोपहरिया में सड़क पर 20 फीट से ज्यादा की दूरी दिखायी नहीं देती है, इतनी धूल उड़ती है जैसे लगता है पूरे इलाके में कोहरा फैला है. इस सड़क से एक बार खुले में गुजरने पर कपड़ा तुरंत धोने की नौबत आ जाती है. स्कूली बच्चों को सबसे ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ रहा है. यह सड़क भी 30 से 50 टन वजन लेकर चलनेवाली भारी वाहनों के लिए नहीं है. सड़क की हालत जर्जर है और धूल से सभी परेशान है. काफी लोग बीमार पड़े हैं. पुलिस ने आश्वासन दिया है कि वे इस मुद्दे पर स्थायी समाधान का रास्ता तलाश रहे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें