विलुप्त होते पक्षियों और बच्चों के खोते बचपन पर आधारित पंडाल बनेगा आकर्षण का केंद्र
दुर्गापुर. शहर की बड़े बजट वाली दुर्गा पूजा में चर्चित विधाननगर का क्लब संतोष हर वर्ष कुछ नया प्रस्तुत कर चर्चा बटोरता है. इस बार पूजा कमेटी ने ‘उड़ते मोदेर मन’ थीम पर मंडप तैयार कर मानव समाज को जागरूक करने का प्रयास किया है. मंडप में विलुप्त हो रहे पक्षियों के खतरों और बच्चों की गुलामी से उनके जीवन पर पड़ने वाले असर को कलात्मक रूप से दर्शाया जायेगा. क्लब संतोष इस वर्ष अपने 54वें वर्ष पर भव्य पंडाल का निर्माण कर रहा है, जिस पर लगभग 30 लाख रुपये खर्च होंगे. मंडप 120 फीट चौड़ा और 70 फीट ऊंचा होगा, जिसमें बांस, बाटम, जूट बोरे और पुआल का इस्तेमाल किया जा रहा है.
मंडप और मूर्ति का निर्माण कार्य
पंडाल निर्माण की जिम्मेदारी दुर्गापुर के डेकोरेटर सौमेन चौधरी को दी गयी है. इसमें मिदनापुर के कई शिल्पी शामिल हैं. दुर्गापुर के प्रसिद्ध कुम्हार अरुण पाल 15 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा तैयार कर रहे हैं. पूजा कमेटी के सह सचिव हृदय साईं ने बताया कि मोबाइल टावरों, वनों और आर्द्र भूमि के विनाश, चारा स्थलों की कमी तथा पक्षियों को पिंजरे में रखने जैसी प्रवृत्तियों के कारण पक्षियों का अस्तित्व खतरे में है. यही स्थिति आज के बच्चों की भी है, जिन्हें पढ़ाई की होड़ और मोबाइल की लत ने चारदीवारी में कैद कर दिया है. इस बार की थीम बच्चों के बचपन को पक्षियों की स्वतंत्र उड़ान से जोड़कर प्रस्तुत करेगी.
पूजा के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम और आनंद मेला
पूजा समिति के सचिव संजीव बनर्जी ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान प्रतिदिन विभिन्न सांस्कृतिक और मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. महाषष्ठी के दिन आनंद मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें स्थानीय महिलाएं अपने हाथों से बने खाद्य पदार्थों को बेचेंगी. यह मेला विशेष रूप से खाने-पीने के स्टॉल के लिए लोकप्रिय है और हर वर्ष श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र रहता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

