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स्वास्थ्य सेवाओं पर आंदोलन का ज्यादा असर नहीं, मंथली रिपोर्ट से होगी पुष्टि सीएमओएच बोले

आशाकर्मियों को सरकारी स्वीकृति देने, न्यूनतम 15 हजार रुपये वेतन देने सहित कुल 14 सूत्री मांगों के समर्थन में सात दिनों से काम बंद करके धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम सोमवार को भी जारी रहा. 23 दिसंबर से कार्य बंद करके इनका आंदोलन शुरू हुआ है.

आसनसोल.

आशाकर्मियों को सरकारी स्वीकृति देने, न्यूनतम 15 हजार रुपये वेतन देने सहित कुल 14 सूत्री मांगों के समर्थन में सात दिनों से काम बंद करके धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम सोमवार को भी जारी रहा. 23 दिसंबर से कार्य बंद करके इनका आंदोलन शुरू हुआ है. अर्बन और ग्रामीण दोनों आशाकर्मियां इस आंदोलन से जुड़ गयी है. सोमवार को आसनसोल नगर निगम कार्यालय के समक्ष फिर महिलाएं सुबह 11:00 बजे से धरने पर बैठीं और अपराह्न 3:00 बजे वापस चली गयीं. मेयर, उपमेयर या अन्य किसी भी प्रशासनिक अधिकारी से मुलाकात नहीं की. इनका कहना है कि जबतक इनकी मांगे पूरी नहीं होती है, ये लोग काम बंद करके आंदोलन जारी रखेंगी. इनके काम बंद करने के इनसे जुड़ी स्वास्थ्य परिसेवा पर क्या असर पड़ा है? इस पर जिला के मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओएच) डॉ मोहम्मद यूनुस ने कहा कि ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है. जच्चा-बच्चा टीकाकरण को लेकर लोग जागरूक हुए हैं और हेल्थ सेंटर में खुद समय पर आकर टीका ले रहे हैं. माहवारी रिपोर्ट में स्थिति का पता चलेगा कि कार्य कितना प्रभावित हुआ है. आठ दिनों से इनका काम बंद है, इन्हें इनदिनों का ऑनेरियम का पैसा मिलेगा या नहीं? इसपर मुख्यालय से जो निर्देश आयेगा, उसपर अमल होगा.गौरतलब है कि गर्भवती महिलाओं की देखभाल, शिशु टीकाकरण, परिवार नियोजन, स्वास्थ्य शिक्षा (पोषण, स्वच्छता, स्तनपान), सरकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाना, ताकि लोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़ सकें और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें आदि कार्य की जिम्मेदारी निभा रही आशा कर्मियों (शहरी और ग्रामीण) ने अपनी मांगों को लेकर कार्य 22 दिसंबर से कार्य बंद करके आंदोलन पर है. प्रतिदिन आशा कर्मी अपने ड्यूटी आवर्स में किसी न किसी कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठ रही हैं और वापस लौट जा रही हैं. 23 दिसंबर को आसनसोल नगर निगम कार्यालय के समक्ष, 24 दिसंबर को सुकांत मैदान इलाके में स्थित स्वास्थ्य भवन कार्यालय के समक्ष, 26 दिसंबर को सीएमओएच कार्यालय के समक्ष धरना पर बैठी. इसदिन सड़क अवरोध भी किया.

पौर स्वास्थ कर्मी(कंट्रैक्चुअल) यूनियन की जिला सचिव मंजू चक्रवर्ती ने बताया कि आशाकर्मियों का मानदेय 5250 रुपये से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह निर्धारित करना, कर्मियों को स्थायी करके सरकारी कर्मी का दर्जा देने, कार्य के दौरान मारे जाने या बीमारी से लाचार होने पर उनके परिवार को पांच लाख रुपये जो अवकाश ग्रहण के बाद मिलता उसका भुगतान करने, पांच माह से बकाया इंसेंटिव की राशि का तत्काल भुगतान करने, उनके कार्य क्षेत्र से बाहर यदि उन्हें ड्यूटी दिया जाता है तो उसका अतिरिक्त पैसे का भुगतान करने, सभी को पीएफ और इएसआइ के दायरे में लाने, मातृकालीन छुट्टी देने आदि मुख्य मांगो को लेकर आशा कर्मी कार्य बंद करके आंदोलन पर हैं. मांगे नहीं पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा.

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