आसनसोल. फिल्मों से राजनीति में आये आसनसोल के सांसद और तृणमूल कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस (एग्जीक्यूटिव) परीक्षा में हिंदी, उर्दू व संताली भाषा को फिर शामिल करने को लेकर वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बातचीत करेंगे. इस मुद्दे को लेकर वे राज्य के अनेकों विभाग के प्रमुख सचिवों के साथ बात कर चुके हैं. समस्या के समाधान के लिए अंतिम पड़ाव मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने ने भी इस मुद्दे को गंभीर माना और कहा कि इससे गैर बांग्लाभाषी विद्यार्थियों के लिए डब्ल्यूबीसीएस (एग्जीक्यूटिव) परीक्षा में बैठना ही कठिन चुनौती हो जायेगी.
गौरतलब है कि डब्ल्यूबीसीएस (एक्जीक्यूटिव) परीक्षा का मेन पेपर-ए 300 नम्बर का कर दिया गया है और इस पेपर के सारे सावलों का जवाब सिर्फ बांग्ला/नेपाली भाषा में देना होगा. नेपाली भाषा सिर्फ हिल एरिया के नागरिकों के लिए है. अन्य सारे उम्मीदवारों को यह पेपर बांग्ला भाषा मे देना होगा. नया सिलेबस जारी कर दिया गया. पुराने सिलेबल में पांच भाषाओं में हिंदी/उर्दू/संताली/बांग्ला/नेपाली यह पेपर देने का प्रावधान था. सितंबर 2025 में होने वाला परीक्षा पुराने सिलेबस के आधार पर ही होगा. उसके बाद से नया सिलेबस लागू होगा. इससे हिंदी, उर्दू और संताली माध्यम से पढ़ने वाले विद्यार्थियों का डब्ल्यूबीसीएस अधिकारी बनने का सपना ही समाप्त हो गया. मेन परीक्षा के 300 नम्बर का पेपर-ए में लेटर राइटिंग, ड्राफ्टिंग रिपोर्ट, प्रेसिस राइटिंग, कम्प्रिहेंशन, ट्रांसलेशन फ्रॉम इंग्लिश टू बंगाली, शॉर्ट ऎसे सारा कुछ बांग्ला भाषा में लिखना होगा और न्यूजतम पास मार्क्स 30 फीसदी लाना होगा. यह सारे सवाल कक्षा दस के स्टैंडर्ड का होगा. जो किसी भी गैर बांग्ला माध्यम विद्यार्थी के लिए हल कर पाना लगभग नामुमकिन है. राज्य सरकार ने परोक्ष रूप से गैर बांग्ला माध्यम विद्यार्थियों के लिए डब्ल्यूबीसीएस अधिकारी बनने का रास्ता बंद कर दिया. जिसे लेकर लगातार आंदोलन चल रहा है.सांसद ने आगे बढ़ मुद्दे पर की पहल, आशा है सबकुछ होगा सामान्य
इस मुद्दे को लेकर प्रभात खबर में छप रही खबरों को सांसद श्री सिन्हा ने संज्ञान में लिया. उन्होंने प्रभात खबर से संपर्क करके पूरी स्थिति को बारीकी से जाना और फिर अपने स्तर पर पहल की. उन्होंने विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिवों से इस मुद्दे पर बात की और कुछ जगहों पर पत्राचार किया. इसके बावजूद भी आधिकारिक नई सिलेबस पब्लिक सर्विस कमीशन पश्चिम बंगाल के वेबसाइट पर जारी होने से वे थोड़े हताश हुए लेकिन अपना प्रयास नहीं छोड़ा. उन्होंने राज्य के दो सबसे वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बात की. उनलोगों से उन्हें जो फिटबैक मिला उसके आधार पर उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ही अंतिम पड़ाव है. उनसे इस मुद्दे पर बात करके पुराने सिलेबस को ही बहाल करवाने का प्रयास करेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है