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कोल इंडिया में तीन दिवसीय हड़ताल की जायेगी 19 जून से
कोयला श्रमिकों के वेतन समझौते पर जेबीसीसीआइ की दोदिवसीय बैठक पूरी तरह से विफल हो गयी. सरकार तथा सीआइएल प्रबंधन के स्तर से साफ-साफ प्रस्ताव नहीं दिये जाने के बाद यूनियन प्रतिनिधियों ने अलग से संयुक्त बैठक कर हड़ताल की घोषणा कर दी. आसनसोल : साढ़े तीन लाख कोयला श्रमिकों के दसवें राष्ट्रीय कोयला वेतन […]
कोयला श्रमिकों के वेतन समझौते पर जेबीसीसीआइ की दोदिवसीय बैठक पूरी तरह से विफल हो गयी. सरकार तथा सीआइएल प्रबंधन के स्तर से साफ-साफ प्रस्ताव नहीं दिये जाने के बाद यूनियन प्रतिनिधियों ने अलग से संयुक्त बैठक कर हड़ताल की घोषणा कर दी.
आसनसोल : साढ़े तीन लाख कोयला श्रमिकों के दसवें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते तथा विभिन्न भत्ते के मुद्दे पर जेबीसीसीआइ-10 की दोदिवसीय बैठक मंगलवार को बगैर किसी निर्णय के समाप्त हो गयी. पहले दिन की ही तरह दूसरे दिन भी हंगामा होता रहा. यूनियन प्रतिनिधियों ने सोमवार को ही कह दिया था कि बैठक में शामिल होने से पहले प्रबंधन प्रतिनिधि सरकार का नजरिया स्पष्ट कर लें. लेकिन बैठक में कोई ठोस प्रस्ताव नहीं मिला. इसके बाद बैठक बिना किसी निर्णय के समाप्त हो गयी. इसके बाद बीएमएस कार्यालय में सभी पांच केंद्रीय यूनियनों की संयुक्त बैठक हुयी. इसमें आगामी 19 जून से 21 जून तक त्रिदिवसीय राष्ट्रीय हड़ताल करने का निर्णय लिया गया. इस आशय की नोटिस भी दे दी गयी.
जेबीसीसीआइ सदस्य व एटक प्रतिनिधि आरसी सिंह तथा एचएमएस के वैकल्पिक सदस्य एसके पांडेय ने कहा कि मंगलवार को बैठक शुरू होते ही यूनियन प्रतिनिधियों ने प्रबंधन प्रतिनिधियों से पांच मुद्दों पर केंद्र सरकार तथा सीआइएल के प्रस्ताव व रूख पर जबाब मांगा. प्रबंधन प्रतिनिधि के रूप में अध्यक्षता कर रहे सीआइएल चेयरमैन एस भट्टाचार्या, बीसीसीएल व सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह तथा सीआइएल के प्रभारी कार्मिक निदेशक एसएन प्रसाद ने बाते रखी. लेकिन उनकी बातों में इन पांच प्रस्तावों पर कोई ठोस बात नहीं रखी गयी. कंपनी की आर्थिक नीतियों, तकनीकी पहलुओं तथा विभिन्न कोयवला कंपनियों की माली हालत की चर्चा की गयी. प्रबंधन प्रतिनिधियों ने आगामी बैठक के लिए समय मांगा.
यूनियन प्रतिनिधियों में रमेन्द्र कुमार (एटक), नत्थूलाल पांडेय (एचएमएस), डॉ बीके राय (बीएमएस) तथा डीडी रामानंदन ने बातें रखी. उन्होंने कहा कि वेतन के मूल वेतन में होनेवाली वृद्धि की फीसदी, सीएमपीएफओ के इपीएफ में विलय के निर्णय की वापसी, पेंशन राशि मद में कंपनी के अंशदान, ठेका श्रमिकों की सुविधाओं सहित पांच मुद्दों पर प्रबंधन को अपना पक्ष रखना था. लेकिन प्रबंधन प्रतिनिधियों ने कोई स्पष्ट राय नहीं रखी. इससे स्पष्ट है कि सरकार तथा सीआइएल प्रबंधन वेतन समझौते के प्रति गंभीर नहीं है. जबकि मंत्री पीयूष गोयल ने घोषणा की थी कि जून, 2016 से पहले ही वेतन समझौता हो जायेगा.
मौजूदा परिस्थितियों में यूनियनों के समक्ष आंदोलन के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. जेबीसीसीआइ की बैठकों को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है. इसके बाद दोनों पक्षों की सहमति के बाद बैठक बेनतीजा स्थगित कर दी गयी. अगली बैठक की तिथि बाद में घोषित होगी.
बैठक विफल होते ही आंदोलन की हो गयी घोषणा
जेबीसीसीआइ-10 की दोदिवसीय बैठक विफल होते ही पूर्व योजना के तहत बीएमएस के कार्यालय में सभी पांच केंद्रीय यूनियनों के पदाधिकारियों की बैठक हुयी. चार केंद्रीय यूनियनों- एटक, बीएमएस, एचएमएस तथा सीटू के सभी प्रतिनिधि तथा जेबीसीसीआइ से अलग रही इंटक के नेता राजेन्द्र प्रसाद सिंह तथा एसक्यू जमा इसमें शामिल हुए. बैठक में प्रबंधन व सरकार की नीतियों की आलोचना की गयी. कहा गया कि बिना आंदोलन के प्रबंधन समझौते के लिए तैयार नहीं होगा. काफी देर तक चर्चा चलने के बाद आगामी 19 जून से 21 जून तक राष्ट्रीय हड़ताल करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए दो केंद्रीय संयुक्त कन्वेंशन करने पर सहमति बनी. पहला कन्वेंशन रांची में होगा, जिसमें इसीएल, बीसीसीएल, सीसीएल तथा सीएमपीडीआइएल की यूनियने शामिल होगी. दूसरा कन्वेंशन कोरबा में आयोजित होगा, जिसमें अन्य कोयला कंपनियों की यूनियनें शामिल हो गयी. इसके बाद प्रबंधन को हड़ताल की संयुक्त नोटिस जारी कर दी गयी.
हड़ताल नोटिस में छह मांगें शामिल
सभी पांच केंद्रीय यूनियनों ने मंगलवार को हड़ताल की नोटिस कोयला मंत्रलय के सचिव, कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन तथा सिंगरैनी कोल कंपनी लिमिटेड के चेयरमैन को भेज दी.
इस पर बीएमएस से बीके राय, पीके दत्ता, इंटक के राजेन्द्र प्रसाद सिंह व एसक्यू जमा, एचएमएस के नत्थूलाल पांडेय व राजेन्द्र प्रसाद सिंघा, एटक के रमेन्द्र कुमार तथा सीटू के डीडी रामानंदन के हस्ताक्षर है. छह सूत्री मांगों में सीएमपीएफओ के इपीएफ में विलय के निर्णय को वापस लेने, सीएमपीएफ से मौजूदा स्थिति में पेंशन जारी रखने, नौवें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते को पूर्ण रूप से लागू करने, दसवां राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता शीघ्र करना, खदानों में ठेका नियोजन बंद कर सभी श्रमिकों को स्थायी करना तथा इस व्यवस्था के होने तक सभी ठेका श्रमिकों को समान कार्य के लिए समान वेतन की नीति के तहत समान भुगितान करने, ओवर टाइम पर लगे प्रतिबंध तथा सीलिंग को समाप्त करने व छुट्टी के दिन कार्य कराने पर दोगुना भुगतान करना, छुट्टी देना तथा घाटे के नाम पर खदानों की बंदी के निर्णयों को वापस लेना शामिल है.
बैठक में प्रबंधन प्रतिनिधियों में सीआइएल के एसएन प्रसाद, वित्त निदेशक चंदन कुमार दे, तकनीकी निदेशक एस शरण, सीसीएल व बीसीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह, एसइसीएल के सीएमडी बीआर रेड्डी, एमसीएल के सीएमडी एके झा, एनसीएल के सीएमडी तापस कुमार नाग, एनसीएल के कार्मिक निदेशक शांतिलता साहु, इसीएल के कार्मिक निदेशक केएस पात्र, एससीसीएल के सीएमडी एन श्रीधर, एससीसीएल के कार्मिक, प्रशासन व कल्याण निदेशक जे पवित्रण कुमार, महाप्रबंधक तृप्ति पराग साव, यूनियन प्रतिनिधियों में एचएमएस के नत्थूलाल पांडेय, राजेन्द्र प्रसाद सिंघा, उमा शंकर सिंह, बीएमएस के डॉ बीके राय, प्रदीप कुमार दत्ता, बीके राय, वाइएन सिंह, एटक के रमेन्द्र कुमार, आरसी सिंह, सीतारमैय्या वी तथा सीटू के डीडी रामानंदन, वंशगोपाल चौधरी, एम नरसिंहराव, वैकल्पिक सदस्यों में एचएमएस के रियाज अहमद, एसके पांडेय, राघव रघुनंदन, राजेश कुमार सिंह, बीएमएस के विंदेश्वरी प्रसाद, ए श्रीनिवास राव, लेट्टी जगनमोहन, लक्ष्मण चन्द्र, एटक के लखन लाल महतो, अशोक कुमार दूबे, हरिद्वार सिंह तथा सीटू के एसएच बेग, जेएस सोधी व मानस कुमार चटर्जी शामिल थे.
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