बजट से लोगों को और अधिक थी उम्मीद
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आयकर में कमी को लोगों ने सराहा
बजट से लोगों को और अधिक थी उम्मीद लोगों ने बजट को बताया समावेशी दुर्गापुर : देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट पेश किया. टैक्स में राहत के साथ इस बजट में कई घोषणा की गई है. बजट को लेकर शिल्पांचल के लोगों ने विशेष प्रतिक्रिया दी. आम बजट को […]
लोगों ने बजट को बताया समावेशी
दुर्गापुर : देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट पेश किया. टैक्स में राहत के साथ इस बजट में कई घोषणा की गई है. बजट को लेकर शिल्पांचल के लोगों ने विशेष प्रतिक्रिया दी. आम बजट को लेकर ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े विनय बाजोरिया का कहना है कि वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट एक समावेशी बजट है लेकिन तत्काल डिमांड बूस्टर का अभाव है.
कृषि, सिंचाई और ग्रामीण विकास पर बजट के फोकस का अगले 3-4 महीनों में ग्रामीण मांग पर असर पड़ेगा. अगर सभी उपायों पर तुरंत कार्रवाई की जाती है और इससे ग्रामीण ऑटो की मांग को बढ़ावा मिलेगा. खासकर टू व्हीलर, ट्रैक्टर और छोटे सभी. यह निराशाजनक था कि ऑटो इकोसिस्टम के हिस्से के रूप में ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए कोई प्रत्यक्ष लाभ की घोषणा नहीं की गई.
आकर्षक प्रोत्साहन आधारित स्क्रेपेज पॉलिसी के लिए बजट आवंटन वाणिज्यिक वाहनों के लिए एक डिमांड बूस्टर और क्लीनर पर्यावरण और सड़क सुरक्षा के लिए एक सकारात्मक भी होगा. भले ही जीएसटी बजट का हिस्सा नहीं है, लेकिन ऑटोमोबाइल में जीएसटी दरों के युक्तिकरण के एक संकेत ने भी उद्योग के लिए बहुत राहत दी होगी जो अब एक साल से अधिक समय से व्यापक तनाव में है.
दूसरी ओर एनबीएफसी के लिए तरलता समर्थन ऑटो सेक्टर की मदद करने के लिए ऋण देने के लिए एक आत्मविश्वास बूस्टर के रूप में कार्य करेगा. शेयर मार्केट के कारोबार से जुड़े योगेश माहेश्वरी का कहना है कि बजट से लोगों को काफी उम्मीद थी लेकिन लोगों की उम्मीद पूरी नहीं हो पाई.
खास कर शेयर मार्केट में लाँग टर्म में कुछ नहीं हुआ है. केपिटल के लिए कुछ नहीं किया गया है. एसटीटी में कोई बदलाव नहीं किया गया है. नए टैक्स स्लैब में कुछ राहत दी गई है. लेकिन नए और पुराने दोनों टैक्स चलने के कारण लोगों को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है.
लायंस क्लब के अध्यक्ष व व्यवसायी संजय बाजोरिया ने इस बजट को मिलजुला बताया. उन्होंने कहा कि इस बजट में ग्रामीण किसानों के लिए काफी कुछ प्रदान किया गया है. समाजसेवी कामकाजी महिला राधा भट्ट्ड़ ने बजट को मिलाजुला बजट बताया. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से आयकर में कमी कर आम कर दाताओं को राहत देने की कोशिश की है. वहीं देश के विकास के लिए कई योजनाओं की घोषण की है. 15 लाख से ऊपर आय करनेवाले को कुछ भी नहीं मिला है.
वही 50 लाख वाले बड़े करदाताओ को इस बजट मे राहत नहीं मिल पाई है. इस बजट मे वित्त मंत्री ने किसानों का पूरा ख्याल रखा है. उनका मनाना है कि टैक्स की दर में कमी होने से लोगों को इसका कुछ लाभ मिलेगा. लेकिन लोगों को इस बजट से कुछ ज्यादा ही आशा थी.
शिक्षक चिरंजीत धीवर ने बजट को आम लोगों को राहत देने वाला बजट बताया. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री ने आयकर में कमी कर लोगों को राहत दिया है. वहीं नयी शिक्षा नीति पर भी चर्चा की गई. सरकार द्वारा जॉब ओरिएंटेड एडुकेशन को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया जा रहा है. छात्र पवन पांडे ने सरकार के इस बजट की सराहना की है.
उनका मानना है कि सरकार ने सभी वर्गो को ध्यान में रख कर बनाया है. शिक्षा और रोजगार के लिए सरकार ने जो सोचा है, वह बेहतर ही होगा. स्कील इंडिया के लिए किसी भी सरकार ने बजट पेश नहीं किया है. सरकार का यह बजट देश की दशा और दिशा दोनों बदलेगी.
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