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केंद्र सरकार के विरोध में प्रस्तावित दो दिवसीय हड़ताल के प्रतिकूल प्रभाव, हड़ताल में शामिल न हों कोयला श्रमिक
सांकतोड़िया : इसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रेमसागर मिश्रा ने सभी श्रम संगठनों से दोदिवसीय हड़ताल में शामिल न होने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि दोदिवसीय हड़ताल का कंपनी पर काफी प्रतिकूल असर पड़ेगा. सनद रहे कि 172 श्रमिक संगठनों ने कोयला उद्योग सहित पूरे देश में आठ तथा नौ जनवरी […]
सांकतोड़िया : इसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) प्रेमसागर मिश्रा ने सभी श्रम संगठनों से दोदिवसीय हड़ताल में शामिल न होने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि दोदिवसीय हड़ताल का कंपनी पर काफी प्रतिकूल असर पड़ेगा. सनद रहे कि 172 श्रमिक संगठनों ने कोयला उद्योग सहित पूरे देश में आठ तथा नौ जनवरी को आम हड़ताल बुलाई है.
सीएमडी श्री मिश्रा ने कहा कि कोल सेक्टर की सेहत पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा. मौजूदा समय कंपनी का उत्पादन लक्ष्य पूरा करने का समय है. इसमे सभी यूनियनें सहयोग करें. देश में ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए पॉवर सेक्टर को कोयले की आवश्यकता है. वैसी स्थिति में हड़ताल उचित नहीं है.
उन्होंने कहा कि कंपनी के कार्य में बाधा पहुंचाने, कार्य कर जाने से जबरन रोकने तथा हाजिरी बनाकर काम पर नहीं जाने वाले कर्मियों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
उन्होंने कहा कि इसीएल को अभी लक्ष्य पूरा करने के लिए लगभग 19 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना है. यह चुनौती मुश्किल है. सभी के संयुक्त प्रयास से कंपनी बीआईएफआर से बाहर आई है. अब इस स्थिति को बरकरार रखने की संयुक्त जिम्मेदारी सबकी है.
हड़ताल के समर्थन में नितुड़िया में सभा, जुलूस
नितुरिया. कोयला उद्योग में आठ-नौ जनवरी को बुलाई गई हड़ताल की सफलता के लिए रविवार को नितुरिया के सरबड़ी मोड़ पर एआइयूटीयूसी ने सभा की. इसके पहले पंचकोट कॉलेज से जुलूस निकाला गया. सरबड़ी मोड़, मधुकुण्डा रोड, पंचेत रोड होकर सरबड़ी मोड़ वापस लौटा.
वक्ताओं ने केंद्रीय सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर सभी से कोयला उद्योग में हड़ताल को सफल बनाने का आहवान किया. नवनी चक्रवर्ती, कृष्टो बाउरी, निमाई बाउरी आदि उपस्थित थे.
सांकतोड़िया : हड़ताल में शामिल नहीं होगा एचएमएस
सांकतोड़िया : कोयला मजदूर कांग्रेस (एचएमएस) ने रविवार को दामोदर नदी किनारे मानकेश्वर में बैठक सह वनभोज का आयोजन किया. बैठक में संगठनात्मक मुद्दे पर चर्चा की गई.
यूनियन अध्यक्ष राकेश कुमार, महामंत्री रामकृष्ण त्रिपाठी, सहायक महामंत्री हरिलाल सोनी, सचिव शांतिभूषण प्रसाद यादव उर्फ़ कृष्णमोहन, कोषाध्यक्ष बोधनारायण सिंह, सह सचिव अपराजित बनर्जी, सचिव कुलदीप महतो, विनोद सिंह, शाखा सचिव लालू यादव, इंद्रदेव यादव, रामा यादव, स्वारथ पासवान, उपेंद्र पासवान आदि उपस्थित थे. अध्यक्ष श्री कुमार तथा महामंत्री श्री त्रिपाठी ने कहा कि कोयला मजदूरों की स्थिति में सुधार को लेकर यूनियन लगातार सक्रिय है. समस्याओं के समाधान के लिए प्रबंधन पर हमेशा दबाव दिया जाता है. कोयला श्रमिक बातों के बजाय कार्य पर विश्वास करते हैं.
कोई भी संगठन मजदूरों के बलबूते पर चलती है. जब कोयला मजदूरों ने संगठन पर विश्वास करके सदस्यता शुल्क देता है, उसी प्रकार संगठन को भी मजदूरों के समस्या पर खरा उतरना होगा. उन्होंने कहा कि दोदिवसीय हड़ताल में कोयला श्रमिक शामिल नहीं हैं. जब केंद्र सरकार ने कई मांगे मान ली है तो सरकार को समय दिया जाना चाहिए. किसी भी समस्या का निदान बातचीत से की जानी चाहिए. सभी कोयला मजदूर दो दिनों में जम कर उत्पादन करेंगे.
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