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ग्रामीणों के चेहरे पर मुस्कान के लिए डीवीसी प्रतिबद्ध

दुर्गापुर : पुरुलिया जिले के रघुनाथपुर अनुमंडल के रघुनाथपुर एक प्रखंड के नूतनडीह ग्राम निवासी भीम बाउरी की सात वर्षीय पुत्री वर्षा बाउरी ने रेल कॉरिडोर निर्माण स्थल के समीप दुर्भाग्यवश रेल स्लिपर गिर जाने की वजह से बांयां पैर गंवा दिया. दामोदर घाटी निगम स्थित रघुनाथपुर ताप विद्युत परियोजना (आरटीपीएस) प्रबंधन ने उसे कृत्रिम […]

दुर्गापुर : पुरुलिया जिले के रघुनाथपुर अनुमंडल के रघुनाथपुर एक प्रखंड के नूतनडीह ग्राम निवासी भीम बाउरी की सात वर्षीय पुत्री वर्षा बाउरी ने रेल कॉरिडोर निर्माण स्थल के समीप दुर्भाग्यवश रेल स्लिपर गिर जाने की वजह से बांयां पैर गंवा दिया. दामोदर घाटी निगम स्थित रघुनाथपुर ताप विद्युत परियोजना (आरटीपीएस) प्रबंधन ने उसे कृत्रिम पैर लगवाने से लेकर उसके पठन पाठन की समुचित व्यवस्था, परिवार का भरण पोषण का दायित्व निभाने के साथ ही पुनः सिद्ध कर दिया है कि कंपनी ग्रामीणों के चेहरे पर मुस्कान के लिए प्रतिबद्ध है.
आरटीपीएस के मुख्य अभियंता एवं परियोजना प्रधान अनन्त चक्रवर्ती ने कहा के निगम अपने स्थापना काल से ही सामाजिक नैतिक दायित्व का जवाबदेही के साथ अनुपालन करता रहा है.
इसी कड़ी में आरटीपीएस दुर्घटना में अपना पैर गंवाने वाली बर्षा के उज्जवल भविष्य के लिए संरचनात्मक ठोस पहल कर रहा है. इससे वो स्वावलम्बी व स्वनिर्भर हो सके. परियोजना प्रबंधक (सीएसआर) मोहम्मद शमीम अहमद ने बताया कि मार्च 2016 में वर्षा की दुर्घटना के पश्चात रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में वर्षा के बायें पैर में अत्यधिक संक्रमण और क्षति होने के कारण काटने का निर्णय चिकित्सक दल को लेना पड़ा.
तत्कालीन मुख्य अभियंता एवं परियोजना प्रधान मोहम्मद यासीन के नेतृत्व में आरटीपीएस प्रबंधन ने उच्च स्तरीय बैठक कर येन केन प्रकरण उसे सदमे से उबरने की ठानी व सहयोग का हाथ बढ़ाया. परियोजना के उप मुख्य अभियंता (असैनिक) देवाशिष देव के मार्गदर्शन में वर्षा को स्वनिर्भर बनाने का कार्य आरम्भ हुआ. सीएसआर विभाग के उपप्रबंधक मोहम्मद शमीम अहमद की तत्परता से कृत्रिम पैर (जयपुर फूट्स) बनाने वाली कोलकाता स्थित संस्थान महावीर सेवा सदन से संपर्क स्थापित कर वर्षा को संस्थान ले जाकर उसके पैर के मांप के अनुसार कृत्रिम पैर बनवाकर प्रदान किया गया और समय-समय पर इसको वर्षा की लम्बाई बढ़ने पर बदलवाने की व्यवस्था की गयी.
मोहम्मद शमीम ने कहा कि वर्षा का कृत्रिम पैर लगवाने और भविष्य में बदले जाने का सारा खर्च आरटीपीएस प्रबंधन वहन करेगा. इतना ही नहीं वर्षा के पिता को परियोजना में चल रहे ठेका कार्य में नियुक्त कराया गया है ताकि परिवार का आसानी से भरण-पोषण हो सके. वर्षा के पाठन-पाठन की सामग्री मुहैया करने से लेकर प्रखंड स्थित नूतनडीह प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा की व्यवस्था स्कूल के प्रधानाध्यापक कौशिक सरकार ने निजी स्तर पर सराहनीय सहयोग किया है.डीवीसी प्रबंधन एवं आरटीपीएस परियोजना वर्षा के उज्जवल भविष्य की कामना करती है और घाटी क्षेत्र की एक बड़ी आबादी के सामाजिक आर्थिक प्रगति के प्रति दृढ संकल्पित है.

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