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दुर्गापुर : जयश्री राम, जय हनुमान के जयकारे से गूंजा शहर

दुर्गापुर : दुर्गापुर सेवा समिति द्वारा रजत जयंती वर्ष और मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर करवाए जा रहे धार्मिक कार्यक्रम के तहत मंगलवार शाम सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया. इसमें श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड का पाठ किया और बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त किया. इस दौरान जयश्रीराम और जय हनुमान के जयकारों से वातावरण गूंजता रहा. […]

दुर्गापुर : दुर्गापुर सेवा समिति द्वारा रजत जयंती वर्ष और मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर करवाए जा रहे धार्मिक कार्यक्रम के तहत मंगलवार शाम सामूहिक सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया. इसमें श्रद्धालुओं ने सुंदरकांड का पाठ किया और बजरंगबली का आशीर्वाद प्राप्त किया. इस दौरान जयश्रीराम और जय हनुमान के जयकारों से वातावरण गूंजता रहा.
सर्वप्रथम गणेश वंदना की और आइए हनुमंत विराजिए… के भाव के साथ हनुमान जी के स्वरूप को विराजमान किया और पाठ का शुभारंभ किया. पाठ हनुमान चालीसा व वंदना के उपरांत सभी श्रद्धालुओं ने अत्यंत भाव से सुंदरकांड का पारायण किया. हनुमान जी महाराज का पूजन किया और हनुमान जी को बेसन के लड्डुओं का भोग लगाया गया. इसके बाद हनुमानजी का आह्वान कर सुंदरकांड पाठ शुरू किया गया. भक्तों ने वाद्ययंत्रों के साथ संगीतमय सुंदरकांड का पाठ करते हुए हनुमानजी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया.
पाठ के शुभारम्भ के मौके पर मुंबई से पधारे पाठ वाचक प्रेम प्रकाश दुबे ने सुंदरकांड की महता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें कभी भी हरि का नाम स्मरण नहीं छोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि तुलसीदास ने पांचवें अध्याय का नाम सुन्दरकाण्ड रखा है. जब तुलसीदास जैसे महान लोगों ने इस अध्याय का नाम सुन्दरकाण्ड रखा है, तो जरा सोचों कि इसमें कितनी अलौकिक सुन्दरता का बखान किया गया होगा. सुन्दर बनने के लिये सुन्दरकाण्ड का पाठ करना होगा. उन्होंने कहा कि परिश्रम के बिना प्रगति सम्भव नही है और प्रगतिशील मनुष्य ही सच्ची सुन्दरता का पर्याय होता है. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए अगर कोई सबसे सटीक उपाय है तो वह है हनुमान चालीसा तथा सुंदरकांड का पाठ. इन दोनों में से कोई भी एक उपाय श्रद्धापूर्वक करने पर बजरंग बली अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उनके सभी बिगड़े काम बना देते हैं.
श्रीरामचरितमानस के सुंदरकांड अध्याय में बजरंग बली की महिमा का विस्तृत वर्णन मिलता है. इसमें विशेष रूप से हनुमान जी के विजय का गान किया गया है जो पढ़ने वाले में आत्मविश्वास का संचार करता है. सुंदरकांड पाठ की सबसे खास बात यह है कि इससे ना सिर्फ हनुमानजी का आशीर्वाद मिलता है बल्कि भगवान श्रीराम का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है. सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुषों व बच्चों सहित श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया. उपस्थित भक्तो ने सुंदरकांड के सभी दस सर्गों का संगीतमयी सुमधुर पाठ किया.
दोहे और चौपाइयों के सुंदर तालमेल से वातावरण भक्तिमय हो गया. समापन पर जयश्रीराम और हनुमानजी महाराज के जयकारों से वातावरण गूंज उठा. इसके बाद महाआरती की गई. तत्पश्चात रामभक्त, हनुमान भक्त व आमजनों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. इससे पहले मंगलवार की सुबह राजस्थान से लाये गए सभी विग्रहो का विधिवत् पूजा अर्चना मुख्य यजमानो यथा- राम अवतार अग्रवाल,नारायण सिकरिया,राकेश भट्टड,अरुण अग्रवाल,मनोज अग्रवाल,सपत्नी द्वारा कराने के उपरांत उन्हें मंदिर में स्थापित किया गया.
इस पूरे कार्यक्रम में रानीगंज की श्री हनुमान चलीसा संघ का विशेष योगदान रहा. दुर्गापुर सेवा समिति के सभापति शंकर लाल अग्रवाल, अध्यक्ष दीपक अग्रवाल, महामंत्री राकेश भट्टड़, उपाध्यक्ष मनोज अग्रवाल, कोषाध्यक्ष संतोष अग्रवाल, नवनीत अग्रवाल सहित कई गणमान्य उपस्थित थे.

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