11 से 22 सितंबर तक आनंदम रेसीडेंसी पचगछिया में रहेंगे, देंगे दर्शन और दीक्षा
आसनसोल.सनातन धर्म के सर्वोच्च गुरु, ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानंद सरस्वती महाराज का आगमन आसनसोल के आनंदम रेसीडेंसी पचगछिया में होने जा रहा है. वह यहां 11 सितंबर से 22 सितंबर तक 11 दिनों तक निवास करेंगे और धर्मोपदेश, दर्शन तथा दीक्षा प्रदान करेंगे.
संवाददाता सम्मेलन में जानकारी
आसनसोल चेंबर ऑफ कॉमर्स के सचिव और संस्था के सक्रिय सदस्य शंभू नाथ झा ने सेनरैले रोड स्थित एक निजी होटल में संवाददाता सम्मेलन कर यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बीते वर्ष शंकराचार्य का कार्यक्रम तीन दिन का तय था, जो पांच दिनों तक चला. गुरुदेव को आसनसोल इतना प्रिय लगा कि इस बार उन्होंने 11 दिनों का कार्यक्रम रखा है.आनंद वाहिनी और पीठ की संरचना
पश्चिम बंगाल एवं बिहार की आनंद वाहिनी की अध्यक्षा निभा प्रकाश ने बताया कि देश में चार प्रमुख पीठ हैं, जिनमें से एक पुरी का गोवर्धन पीठ है. उन्होंने कहा कि पीठ की तीन प्रमुख शाखाएं हैं—आदित्य वाहिनी, आनंद वाहिनी और पीठ परिसर. इनमें पुरुष आदित्य वाहिनी से, महिलाएं आनंद वाहिनी से और वरिष्ठजन पीठ परिसर से जुड़े रहते हैं.धर्म प्रचार और जीवन शैली
83 वर्षीय शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती वर्ष में केवल 60 दिन पुरी में रहते हैं, बाकी समय देशभर में धर्म प्रचार हेतु भ्रमण करते हैं. वह अब भी रेल यात्रा करना ही पसंद करते हैं. आसनसोल आनंदम रेसीडेंसी में उनके लिए मिट्टी की बनी कुटिया आश्रम स्वरूप तैयार की गयी है, जो उन्हें अत्यंत प्रिय है.
पितृपक्ष के अवसर पर विशेष महत्व
निभा प्रकाश ने कहा कि पितृपक्ष प्रारंभ हो रहा है. ऐसे समय में गुरुदेव का आसनसोल आगमन यहां के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है. उन्होंने कहा कि शंकराचार्य धर्म, अध्यात्म और राष्ट्र संबंधी विषयों पर मार्गदर्शन देंगे और साथ ही दीक्षा भी प्रदान करेंगे.पत्रकार सम्मेलन में कार्यक्रम के प्रमुख सहयोगी गौरव मिश्रा भी मौजूद रहे.
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