9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बच्चे पढ़ेंगे हैरी पॉटर, टिनटिन व एस्टेरिक्स के किस्से

आइसीएसइ स्कूलों में तीसरी से आठवीं कक्षा के अंग्रेजी पाठ्यक्रम में बदलाव कक्षा तीसरी तक के बच्चों को पाठ्यक्रम में मनोरंजक स्टोरी पढ़ने को मिलेंगी कोलकाता : आइसीएसइ स्कूलों में अब इंगलिश साहित्य की कक्षाओं में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे. कुछ समय पहले बोर्ड में अभिभावकों द्वारा शिकायत की गयी थी कि बच्चों पर […]

आइसीएसइ स्कूलों में तीसरी से आठवीं कक्षा के अंग्रेजी पाठ्यक्रम में बदलाव
कक्षा तीसरी तक के बच्चों को पाठ्यक्रम में मनोरंजक स्टोरी पढ़ने को मिलेंगी
कोलकाता : आइसीएसइ स्कूलों में अब इंगलिश साहित्य की कक्षाओं में काफी बदलाव देखने को मिलेंगे. कुछ समय पहले बोर्ड में अभिभावकों द्वारा शिकायत की गयी थी कि बच्चों पर पाठ्यक्रम का काफी बोझ है.
इसे हल्का करने के लक्ष्य से काउंसिल ऑफ स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (सीआइएससीइ) ने अंग्रेजी साहित्य के पाठ्यक्रम में संशोधन करते हुए काफी चर्चित पुरानी किताबें इसमें जोड़ने का फैसला किया है.
जूनियर व मिडिल स्कूल के छात्रों के लिए हैरी पॉटर शुरू करने पर विचार किया गया है. अब सभी स्कूलों में कक्षा तीन से आठवीं तक के लिए ग्राफिक नोवेल्स-अमर चित्र कथा से लेकर टिनटिन व एसटेरिक्स से लेकर अमेरिकन कार्टूनिस्ट आर्ट स्पाइजेलमेंस होलोकास्ट सागा-माउस-को अंग्रेजी साहित्य के पाठ्यक्रम में शुरू किया गया है. इस विषय में सीआइएससीइ के एक अधिकारी ने बताया कि एक समय था जब, आइसीएसइ स्कूलों में छात्रों से उनकी कॉमिक बुक्स टीचर द्वारा छीन ली जाती थी. अब यह मनोरंजक पुस्तक उन्हें पढ़ने को मिलेंगी. छात्र मनोरंजन व खुशी के साथ हैरी पोटर के अलावा फेलूदा के कारनामे, जीवन-बदलने वाले एडवेन्चर किस्से भी पढ़ पायेंगे. इसके अलावा स्कूल में एनी फ्रेंक से लेकर मलाला व एपीजे अब्दुल कलाम की ऑटोग्राफी भी पढ़ने को मिलेगी. स्कूलों में कक्षा प्रथम व दूसरी के बच्चों को भी काफी मनोरंजक चीजें पढ़ने को मिलेंगी. कई बच्चे टिनटिन व एस्टेरिक्स के दीवाने हैं. ये किताबें बच्चों को काफी पसंद आयेंगी. अब बच्चों को कक्षा में बोरियत का अहसास नहीं होगा.
बच्चों पर पाठ्यक्रम का दबाव कम करने की कवायद
अब बच्चे पढ़ाई में ज्यादा रुचि लेंगे
इस विषय में सेंट्रल मॉडेल स्कूल, बारानगर के एक शिक्षक का कहना है कि बच्चे अब पढ़ाई के प्रति ज्यादा रुचि लेंगे. सीआइएससीइ बोर्ड कक्षा आठवीं तक इसको लागू करने के लिए काफी उत्साहित है. प्रस्तावित पाठ्यक्रम में इस बात का विवरण दिया गया है कि नर्सरी छात्रों को प्रति वर्ष 800 इंसट्रक्शनल घंटे स्कूल में बिताने ही होंगे. इसके अलावा बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए कई प्रतियोगिताएं बच्चों के बीच आयोजित की जायेंगी. इसके लिए स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें