कोलकाता: समय गुजरने के साथ राज्य सरकार व परिवहन संगठनों की तकरार बढ़ती जा रही है. टैक्सी चालकों पर पुलिसिया जुल्म, राज्य सरकार के उदासीन रवैये, टैक्सी रिफ्यूजल के नाम पर गैर कानूनी व गैर लोकतांत्रिक ढंग से तीन से पांच हजार रुपये जुर्माना लगाने के खिलाफ व टैक्सी किराये तथा वेटिंग चार्ज में बढ़ोतरी की मांग पर अब एटक व सीटू समर्थित परिवहन संगठनों ने आगामी 18 सितंबर से बेमियादी टैक्सी हड़ताल का आह्वान किया है.
बुधवार को एटक व सीटू समर्थित परिवहन संगठनों द्वारा आहूत महानगर में निकाले गये महाजुलूस के दौरान हड़ताल की घोषणा की गयी. जुलूस में अन्य केंद्रीय मजदूर संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे. महाजुलूस का नेतृत्व एटक के प्रदेश सचिव व कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव नवल किशोर श्रीवास्तव, सीटू के अनादि साहू, सुभाष मुखर्जी, इंटक के प्रदेश अध्यक्ष रमेन पांडेय, एआइसीसीटीयू के प्रदेश सचिव दिवाकर भट्टाचार्य समेत अन्य नेताओं ने किया. जुलूस कॉलेज स्क्वायर से निकला, जो विभिन्न इलाकों से गुजरते हुए धर्मतल्ला के विक्टोरिया हाउस के निकट समाप्त हुई. वहां विरोध सभा में बेमियादी टैक्सी हड़ताल और 19 सितंबर को एक दिवसीय समस्त परिवहन क्षेत्रों की हड़ताल की भी घोषणा की गयी.
राज्यपाल को ज्ञापन : महाजुलूस के बाद एक प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात की व उन्हें ज्ञापन सौंपा. साथ ही उन्हें परिवहन श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के प्रति राज्य सरकार के उदासीन रवैये से अवगत कराया गया. कथित तौर पर राज्यपाल ने इन मसलों को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया है.
सरकार की दमनात्मक नीति के कारण चालक आंदोलन को मजबूर : कोलकाता टैक्सी ऑपरेटर्स यूनियन के महासचिव नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि टैक्सी रिफ्यूजल के नाम पर गैर कानूनी ढंग से तीन से पांच हजार रुपये जुर्माना लगाने, चालकों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने के विरोध व टैक्सी किराये व वेटिंग चार्ज में बढ़ोतरी समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर काफी समय से एटक समर्थित परिवहन संगठन आंदोलनरत हैं. समस्याएं सुलझाने के लिए कई बार राज्य सरकार व परिवहन मंत्री से बातचीत की पेशकश की गयी, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई पहल नहीं की गयी. राज्य सरकार के दमनात्मक रवैये ने टैक्सी चालकों को सड़क पर उतरने व आंदोलन करने को मजबूर किया है. चालकों की समस्या के समाधान को लेकर परिवहन मंत्री मदन मित्र पर उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सवाल किया कि आखिर कहां गये परिवहन मंत्री? टैक्सी चालकों के आंदोलन को कुचलने की बात कही गयी थी. धमकी दी जा रही थी.
आंदोलन के सिवाय नहीं दूसरा मार्ग : सीटू समर्थित परिवहन संगठन नेता अनादि साहू ने कहा कि टैक्सी चालकों व अन्य परिवहन श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन के सिवाय दूसरा मार्ग नहीं बचा है. परिवहन श्रमिकों की समस्याओं को सुलझाने की पहल राज्य सरकार नहीं कर रही है. अब सरकार वृहद् आंदोलन के लिए तैयार हो जाये या फिर समस्याओं का समाधान करे.
जुलूस में सीटू के अध्यक्ष श्यामल चक्रवर्ती, सुनील गुहा, प्रदेश इंटक संगठन सचिव अनिल शरवार सहित कई नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे.