पुलिस पहुंची, स्थिति को किया नियंत्रित
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मारपीट में चार लोग घायल
पुलिस पहुंची, स्थिति को किया नियंत्रित वाइस चांसलर से मुलाकात की अनुमति को लेकर हुई भिड़ंत सिर्फ चार छात्रों को मिली थी अनुमति, सभी मिलना चाहते थे सिलीगुड़ी : एक प्रोफेसर पर कार्यवाई की मांग पर उत्तर बंग विश्वविद्यालय रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. बुधवार सुबह वाइस चांसलर से मुलाकात की को लेकर सुरक्षा कर्मी […]
वाइस चांसलर से मुलाकात की अनुमति को लेकर हुई भिड़ंत
सिर्फ चार छात्रों को मिली थी अनुमति, सभी मिलना चाहते थे
सिलीगुड़ी : एक प्रोफेसर पर कार्यवाई की मांग पर उत्तर बंग विश्वविद्यालय रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. बुधवार सुबह वाइस चांसलर से मुलाकात की को लेकर सुरक्षा कर्मी व पीए के साथ विद्यार्थियों का भारी विवाद हुआ.उसके बाद वहां मारपीट शुरू हो गयी. जिसमें दोनो ओर से चार लोग घायल हो गये. जिसमें वाइस चांसलर के सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं. जानकारी मिलते ही माटीगाड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार बांग्ला विभाग की अध्यापिका मंजूला बेरा के खिलाफ कार्यवाई की मांग को लेकर भारी संख्या में विभाग के विद्यार्थी वाइस चांसलर से मिलने के लिए उनके कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए. उनके पीए ने मात्र चार विद्यार्थियों को मुलाकात की अनुमति दी. लेकिन सभी विद्यार्थी वाइस चांसलर से मुलाकात पर अड़ गये. इसी बात को लेकर विवाद शुरू हुआ. जबरन प्रवेश करने की कोशिश करने पर सुरक्षा कर्मी ने रोकने की कोशिश की.
इसी के हाथापाई और मारपीट शुरू हो गयी. इसी में विद्यार्थी संगठन के सचिव गोपाल सन्यासी को चोट लगी. गोपाल सन्यासी अचेत हो गया. अन्य कर्मचारियों ने उसे फौरन उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया गया. मालूम हुआ कि अभी हाल में ही गोपाल सन्यासी की बाइपास सर्जरी हुयी थी. इस घटना में वाइस चांसलर के सुरक्षा कर्मी भजन दास भी घायल हुए हैं. दो अन्य विद्यार्थियों को भी चोटें आयी है.
कुल चार लोग घायल हुए हैं. कर्मचारियों के साथ मारपीट की खबर फैलते ही विश्वविद्यालय के कर्मचारी भारी संख्या में वहां उपस्थित हुए और विद्यार्थियों व विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. यहां बता दें कि प्रोफेसर मंजूला बेरा पर जातीय टिप्पणी करने का आरोप विभागीय विद्यार्थियों ने करीब एक वर्ष पहले लगाया था. जातीय विद्यार्थियों ने एक वर्ष पहले वाइस चांसलर को ज्ञापन सौंपकर अध्यापिका मंजूला बेरा के खिलाफ कार्यवायी की मांग की थी.
लेकिन प्रबंधन की ओर से इस मामले में कोई कदम नहीं बढ़ाया गया. नियमानुसार विभागाध्यक्ष का कार्यकाल दो वर्ष का होता है. लेकिन मियाद पूरी होने पर मंजूला बेरा सेवा विस्तार पर बांग्ला विभाग प्रमुख के पद पर कार्य कर रही थी. इसके खिलाफ भी आंदोलन होने के बाद अभी हाल में ही अध्यापक निखिलेश राय को विभागाध्यक्ष का पदभार सौंपा गया.
बांग्ला विभाग के विद्यार्थी अनिल कुमार वर्मन व अन्य ने बताया कि जातीय विद्वेश के आरोप पर अध्यापिका मंजूला बेरा के खिलाफ कार्यवायी की मांग को लेकर हमसभी उपाचार्य से मिलने पहुंचे थे. लेकिन सुरक्षाकर्मी ने मुलाकात से इनकार कर दिया. बल्कि हाथापाई भी शुरू की. इस हाथापाई में दो छात्रों को भी चोट पहुंची है. वहीं विश्वविद्यालय के कर्मचारी शंकरी चक्रवर्ती, सुमन चटर्जी, प्रभात यादव व अन्य ने बताया कि बाहरी बदमाशों से उकसावे पर विद्यार्थियों ने हाथापाई की है. विद्यार्थी के हाथों एक कर्मचारी को इस तरह पीटा जाना कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इस घटना के खिलाफ कार्यवायी नहीं होने पर हम कर्मचारी भी जोरदार आंदोलन करेगें. बाद में वाइस चांसलर के आश्वासन पर उत्तेजित विद्यार्थी भी शांत हुए. वाइस चांसलर ने 17 मई को प्रबंधन कमेटी की बैठक में पूरे मामले पर विचार-विमर्श का आश्वासन जताया है.
उत्तरबंग विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ. सुबीरेश भट्टाचार्य ने बताया उत्तरबंग विश्वविद्यालय के इतिहास में जाति को लेकर ऐसी घटना नहीं हुई है. बांग्ला विभाग के विद्यार्थियों ने जातीय विद्वेश की शिकायत की है. यह गलत फहमी भी हो सकती है. इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. अगले 17 मई को विश्वविद्यालय ईसी बॉडी की बैठक होनी है. उस बैठक में इन सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जायेगा. कमेटी का निर्णय ही सर्वमान्य होगा. आज चार विद्यार्थियों के प्रतिनिधि दल को मुलाकात की अनुमति दी गयी थी. लेकिन वे राजी नहीं हुए. हाथापाई में उनके सचिव व सुरक्षा कर्मी घायल हुए हैं.
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