UP TOURIST PLACES: उत्तर भारत में मई और जून की गर्मी किसी चुनौती से कम नहीं होती. तापमान 45 डिग्री तक पहुँच जाता है और चिलचिलाती धूप इंसान को घर के अंदर रहने पर मजबूर कर देती है. लेकिन ऐसे समय में मन कहीं ठंडी, हरी-भरी और शांत जगहों की ओर भागता है. अगर आप उत्तर प्रदेश में हैं और किसी ऐसी जगह की तलाश कर रहे हैं जहाँ गर्मी से कुछ राहत मिल सके, तो घबराइए नहीं. यूपी और इसके आस-पास कई ऐसे प्राकृतिक ठिकाने हैं, जहाँ गर्म हवाओं से कुछ दूरी बनाकर आप आराम और सुकून पा सकते हैं.
चौकोरी: हिमालय की गोद में बसा सुकूनदायक पहाड़ी गांव
उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित चौकोरी एक ऐसा हिल स्टेशन है जो भीड़भाड़ से कोसों दूर है. यहाँ की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह क्षेत्र अब भी काफी हद तक अनछुआ और शांत है. चौकोरी से नंदा देवी, नंदाकोट और पंचाचूली की बर्फ से ढकी चोटियाँ साफ नजर आती हैं. गर्मियों में जब देश के मैदानी इलाके तप रहे होते हैं, तब यहाँ का तापमान 10 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है. चाय के बागान, देवदार के जंगल और खुले आसमान के नीचे बहती ठंडी हवा इस जगह को एक आदर्श समर डेस्टिनेशन बनाती है. अगर आप सच में गर्मी से ब्रेक लेना चाहते हैं तो चौकोरी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है.

दुधवा नेशनल पार्क: हरियाली के बीच रोमांचक सैर
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में स्थित दुधवा नेशनल पार्क जंगल प्रेमियों और नेचर लवर्स के लिए किसी जन्नत से कम नहीं. गर्मियों में यहाँ की घनी हरियाली और जंगल की ठंडी छाँव एक अलग ही सुकून देती है. बाघ, हाथी, गेंडा, हिरन और सैकड़ों पक्षियों की प्रजातियाँ इस पार्क को खास बनाती हैं. सूरज की तपन भले ही तेज हो, लेकिन जब आप जंगल की सैर पर निकलते हैं, तो हवा में घुली नमी और हरियाली की ठंडक दिल को शांति देती है. यह जगह उन परिवारों और बच्चों के लिए भी उपयुक्त है जो प्रकृति से जुड़ने की चाह रखते हैं और शहर की भाग-दौड़ से थोड़ा दूर रहना चाहते हैं.

मिर्जापुर और विंध्याचल: धार्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता का संगम
पूर्वी उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर और उसके आसपास का विंध्याचल क्षेत्र सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं बल्कि प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है. गंगा किनारे बसे इन इलाकों में विंध्यवासिनी देवी का प्रसिद्ध मंदिर है, लेकिन इसके साथ-साथ यहाँ की पहाड़ियाँ, झरने और जंगल भी यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. विंध्याचल पर्वतमाला में बसी यह जगह गर्मियों में तुलनात्मक रूप से ठंडी रहती है और सुबह व शाम के समय मौसम बेहद सुहावना होता है. यहाँ की गुफाएँ, पुराने मंदिर, और ग्रामीण जीवनशैली लोगों को शांति और आत्मिक सुख देती है.

सोनभद्र और चिल्कापुर जलप्रपात: झरनों की ठंडी बौछार
उत्तर प्रदेश का ‘छोटा कश्मीर’ कहा जाने वाला सोनभद्र जिला प्रकृति प्रेमियों के लिए किसी खजाने से कम नहीं है. इस जिले में चिल्कापुर जलप्रपात, रिहंद जलाशय और विजयगढ़ किला जैसे आकर्षण हैं जो गर्मी में खासतौर पर लोगों को लुभाते हैं. झरनों से गिरता ठंडा पानी, चारों तरफ फैली हरियाली और पहाड़ी इलाकों में बसी शांति इस जगह को गर्मी से लड़ने का एक असरदार उपाय बनाते हैं. यदि आप रोमांच और सुकून दोनों चाहते हैं तो सोनभद्र की ये ठिकाने आपके लिए एकदम परफेक्ट हैं.

नैनीताल, रानीखेत और मुक्तेश्वर: यूपी बॉर्डर से थोड़ी दूरी, लेकिन गर्मी से बहुत दूर
अगर आप थोड़ी दूरी तय करने को तैयार हैं, तो उत्तराखंड की प्रसिद्ध जगहें जैसे नैनीताल, रानीखेत और मुक्तेश्वर गर्मियों के लिए सर्वोत्तम विकल्प हैं. उत्तर प्रदेश से ये स्थल 5-6 घंटे की दूरी पर हैं, और यहाँ का मौसम पूरे मई-जून में भी ठंडा और आनंददायक बना रहता है. नैनीताल की नैनी झील, मुक्तेश्वर का हिमालयन व्यू पॉइंट और रानीखेत की साफ-सुथरी सड़कों पर टहलना एक अनोखा अनुभव देता है. यहाँ के होटल, होमस्टे और कैफे भी गर्मियों में सैलानियों के लिए खास सुविधाएँ प्रदान करते हैं. यदि आप परिवार के साथ शांत वातावरण में कुछ दिन बिताना चाहते हैं तो इन जगहों को अपनी सूची में जरूर शामिल करें.

अब तपती गर्मी से डरने की जरूरत नहीं
उत्तर प्रदेश में रहते हुए भी आप गर्मी से राहत पा सकते हैं, बस आपको सही दिशा में थोड़ा सफर तय करना होगा. चाहे वह चौकोरी की पहाड़ियाँ हों, दुधवा के जंगल, विंध्याचल के पर्वत, सोनभद्र के झरने या उत्तराखंड के हिल स्टेशन हर जगह की अपनी खासियत है. यह गर्मी घर में बैठकर बिताने के बजाय, प्रकृति की गोद में कुछ समय बिताने का सही समय है. तो तैयार हो जाइए, अपने बैग पैक कीजिए और निकल पड़िए इन ठंडी और तरोताज़ा कर देने वाली जगहों की ओर.