उत्तर प्रदेश की राजनीति अब सुर्खियों पर है. राज्य के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है.उन्होंने अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि वे फिर से पिछड़े और दलित समाज के विश्वास को छलने की साजिश कर रहे हैं. ओपी राजभर का कहना है कि जातीय जनगणना का मुद्दा सामने आते ही अखिलेश यादव की बेचैनी अक्सर बढ़ जाती है. अब उन्हें अपने वोट बैंक का डर सता रहा है इसलिए वे अचानक राजा सुहेलदेव की प्रतिमा लगाकर जनता को छलना चाह रहे हैं. लेकिन यह समाज अब पुरानी चालों में नहीं आने वाला है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जब अखिलेश यादव सत्ता में थे तब उन्हें कभी सुहेलदेव की याद नहीं आई और न ही दलित-पिछड़ों के हक की चिंता की.अब जब चुनाव करीब आ रहा हैं तो अखिलेश यादव को यह सब याद आने लगा है. राजभर ने निशाना साधते हुए कहा जो अपने घर के रिश्ते नहीं संभाल सके, वह समाज के लिए क्या ही करेंगे.
22 साल से मांग रहे थे जातीय जनगणना, तब अखिलेश क्यों थे मौन
ओपी राजभर ने यह दावा किया कि वे पिछले 22 सालों से जातीय जनगणना की मांग रखते आ रहे हैं, लेकिन अखिलेश यादव जब सत्ता पे थे तब उनको कभी नहीं ख्याल आया. अब जब उनकी राजनीतिक जमीन पर चोट लग रही है, तो वे इस मुद्दे से लोगों को छलना चाह रहे हैं.
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महाराजा सुहेल देव के लिए कहा था…
शुक्रवार को एक घोषणा में अखिलेश यादव ने वादा किया कि अगर उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है तो लखनऊ के गोमती रिवरफ्रंट पर महाराजा सुहेलदेव की एक भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी. उन्होंने कहा, “समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद हम गोमती रिवरफ्रंट पर महाराजा सुहेलदेव की एक बड़ी प्रतिमा स्थापित करेंगे. उनका हथियार अष्टधातु से बना होगा.” महाराजा सुहेलदेव ने श्रावस्ती पर शासन किया और महमूद गजनवी के भतीजे गाजी सैय्यद सालार मसूद को बहराइच के युद्ध में 1034 में हराया.यादव ने 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में “महाराजा सुहेलदेव समुदाय के पूर्ण समर्थन” की उम्मीद जताई. यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमें उम्मीद है कि 2027 के यूपी विधानसभा चुनावों में महाराजा सुहेलदेव समुदाय का पूर्ण समर्थन मिलेगा.” समाजवादी पार्टी प्रमुख ने सत्ता में आने पर जाति जनगणना कराने की अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और हाशिए पर पड़े समुदायों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है.