PRAYAGRAJ NEWS: भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया युद्ध के बीच अफवाहों और भ्रामक बयानों के प्रचार-प्रसार में प्रतिबंध लगाने के लिए प्रयागराज पुलिस ने कड़ा रुख अपनाया है. सोशल मीडिया पर भड़काऊ और उकसावे वाली पोस्ट से माहौल भड़कने की आशंका को देखते हुए प्रयागराज पुलिस ने कुल 38 सोशल मीडिया अकाउंट की पहचान की है. इन पर बराबर नजर रखी जा रही है.
सोशल मीडिया की विशेष जानकारी रखने वाले युवा पुलिसकर्मियों की पांच टीमें गठित कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों की निगरानी के लिए रखा गया है. इन टीमों की यह जिम्मेदारी होगी कि वह फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, व्हाट्सएप सहित सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉमों पर पोस्ट की बराबर निगरानी करते रहें.
उन पोस्ट पर खासकर जरूर नजर रखें जो भारत-पाक के बीच उपजे तनावपूर्ण परिस्थितियों से संबंधित हों. इन टीमों में साइबर सेल के प्रशिक्षित अधिकारी और तकनीकी जानकारी रखने वाले विशेष अधिकारी शामिल हैं, जो 24 घंटे सोशल मीडिया पर पूरी नज़र रखते हुए संदिग्ध गतिविधियों पर बराबर नजर रख रहे हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए प्रयागराज पुलिस की पांच टीमें गठित
इन टीमों का कार्य होगा कि ऐसे सोशल मीडिया अकाउंटों को चिह्नित करें जो मौजूदा परिस्थितियों की आड़ में भड़काऊ पोस्ट डालकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. प्रयागराज पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हालात को सामान्य बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है. जिन 38 सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान हुई है, उन पर या तो झूठी अपवाह साझा करने या किसी समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयान करने के आरोप हैं. इन सभी के साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं और अगर कोई कानून का उल्लंघन करता पाया गया तो उस पर आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता के तहत कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
नोडल साइबर अपराध, आईपीएस कुलदीप सिंह गुनावत ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग कर समाज में तनाव का माहौल फैलाने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. प्रयागराज के लोगों से भी अपील की है वह सोशल मीडिया पर कोई भी सूचना साझा करने से पहले उसकी सत्यता की पुष्टि कर लें.