महाकुंभ 2025 समाप्त होते ही अब प्रयागराज प्राधिकरण के पास सबसे बड़ी चुनौती 800 करोड़ के बजट को खपाने की है. 26 फरवरी महाशिवरात्रि के साथ महाकुंभ का समापन हो गया था और मेला उजड़ने का काम शुरू हो गया था. लेकिन अब महाकुंभ के 800 करोड़ के बजट खपाने की सबसे बड़ी समस्या हो सकती है.मेला क्षेत्र को खाली करने के साथ साथ सभी का सत्यापन भी होगया था लेकिन कुछ लोगों का सत्यापन अभी होना बाकी भी है.जबकि वहीं मेला प्राधिकरण के पास 800 करोड़ का बजट आ गया है.अब इससे अलग अलग बड़ी कंपनियों को जैसे पार्किंग व्यवस्था संभालने वाले को और गाटा सड़क निर्माण कराने वाले कंपनी को शौचालय लगाने वाले कंपनी को स्वच्छता कर्मी कंपनी को ऐसे तमाम कंपनी हैं जिनका भुक्तान अब इस बजट से किया जाएगा.ऐसे में अब सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को एक मात्र सत्यापन का काम दिया गया है.साथ ही सभी कंपनी एवं एजेंसियों से बिल भी मंगवाए गएं हैं. जिससे सभी का भुक्तान सही समय पे किया जा सके.
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद का कहना है कि
मेला अधिकारी विजय किरण आनंद का कहना है कि 800 करोड़ का बजट हमारे पास आगया है एवं तय सीमा के अनुसार हम सभी को भुक्तान सही समय पर कर देंगे.