लखनऊः दिवाली पर समाजवादी मुलायम परिवार में सभी राजनीतिक गिले-शिकवे भुलाकर संबंधों की मिठास देखने को मिल रही है. एक साल तक चली खींचतान के बाद चाचा शिवपाल यादव आैर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आपस में एकजुटता दिखायी है. दिवाली के त्योहार पर मुलायम, अखिलेश आैर शिवपाल ने एक साथ मुलायम के सैफई आवास में आकर हम साथ-साथ हैं का संदेश दिया. इस दौरान दूसरी व तीसरी पीढ़ी के धर्मेंद्र, तेज प्रताप व अंशुल भी मौजूद रहे. हालांकि, समाजवादी परिवार की इस खुशी में रामगोपाल यादव शामिल नहीं हुए, लेकिन उनकी बुधवार को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से बंद कमरे में करीब एक घंटे तक लंबी बातचीत हुर्इ.
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मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, मंगलवार की मुलायम सिंह यादव आैर रामगोपाल यादव के बीच हुर्इ बैठक के करीब 20 घंटे बाद ही मुलायम परिवार का एक साथ आना समाजवादियों के लिए दिवाली के तोहफे से कम नहीं. परिवार की महिलाओं में भी इस बीच पनपी दूरी भी कम हुई और महिलाओं ने भी एक दूसरे से गले मिलकर बधाई दी. इस साल की दिवाली राजनैतिक इतिहास के लिए महत्वपूर्ण साबित हुई. एक साल पहले सैफई परिवार के बीच कटुता आयी और समाजवादी पार्टी में बिखराव की स्थिति बन गयी थी.
हालांकि, वर्तामन राजनीतिक हालात के मद्देनजर विश्लेषकों को भी उम्मीद नही थी कि सैफई परिवार फिर से एक होगा और समाजवादी पार्टी के अच्छे दिन शुरू होंगे, लेकिन राजनीति के मंझे खिलाड़ी कहे जाने वाले सपा संस्थापक की मेहनत आखिर रंग लायी और उन्होंने नाराज बेटे व भाई के मनमुटाव दूर करने में सफलता हासिल की. मीडिया की खबरों के अनुसार, गुरुवार की सुबह 10 बजे मुलायम सिंह यादव के सैफई स्थित आवास के लान में मुलायम सिंह यादव खुद तो पहुंचे ही, साथ में बेटा अखिलेश यादव व भाई शिवपाल सिंह भी रहे.
समाजवादी परिवार के इस मिलन में प्रदेश के इन तीन दिग्गज नेताओं के साथ ही परिवार के युवा नेता बदायूं सांसद धर्मेंद्र यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव अंशुल, मैनपुरी सांसद तेज प्रताप यादव भी मौजूद रहे. सभी ने मौजूद समर्थकों व सैफई वासियों को दिवाली की शुभकामनाएं दीं और होली व दिवाली में होने वाले पंरपरागत खेल तमाशे देखे. 30 मिनट तक समाजवादी परिवार के सभी नेताआें के एक साथ आने पर राजनीतिक हलकों में चर्चा आम हो गयी है आैर वे इस नये राजनीतिक माहौल के बीच गुणा गणित बैठाने में जुट गये हैं.