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योजना बंद होने से गोदाम में बेकार पड़े हैं हजारों लैपटॉप

प्रदीप कुमार गुप्ता, बलिया : छात्रों को लैपटॉप देकर तकनीकी तौर पर मजबूत बनाने की पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की महत्वाकांक्षी योजना बंद हो जाने के बाद बलिया में हजारों लैपटॉप गोदाम में बेकार पड़े हैं. कुछ साल पहले ही उसके डिब्बों को दीमक चाटने लगे थे. अब किस हाल में होंगे, कोई नहीं जानता. […]

प्रदीप कुमार गुप्ता, बलिया : छात्रों को लैपटॉप देकर तकनीकी तौर पर मजबूत बनाने की पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की महत्वाकांक्षी योजना बंद हो जाने के बाद बलिया में हजारों लैपटॉप गोदाम में बेकार पड़े हैं. कुछ साल पहले ही उसके डिब्बों को दीमक चाटने लगे थे. अब किस हाल में होंगे, कोई नहीं जानता. वर्तमान सरकार ने योजना बंद करने के बाद यह नहीं पूछा कि योजना के तहत करोड़ों खर्च कर जो लैपटॉप खरीदे गये थे, अब किस हाल में है. कितना बंट सका, और जो नहीं बंटा वह कहां है.

अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री बनने के बाद 2012-13 में योजना शुरू की. 2013-14 में छात्रों को लैपटॉप दिया गया. फिर किन्हीं कारणों से योजना पर ब्रेक लग गयी. इसके बाद कई चरणों में लैपटॉप वितरण किया गया. जीजीआइसी के कमरे में गोदाम बनाया गया, जहां आज भी हजारों लैपटॉप बेकार पड़े हैं. चार साल से किसी ने उस कमरे का ताला भी नहीं खोला. अब विभाग या प्रशासन के आला अफसरों को भी इसकी जानकारी नहीं कि लैपटॉप किस हाल में है.
लैपटॉप वितरण योजना बंद होने के बाद शासन ने नहीं ली सुधि
सालभर बाद ही डिब्बों को चाट गये थे दीमक
गोदाम में रखने के सालभर बाद ही सांसद नीरज शेखर के हाथों लैपटॉप वितरण कराया गया था. तब लैपटॉप वितरण के लिए निकाला गया, तो कई लैपटॉप के कवर को दीमक चट कर गये थे. इस योजना वर्तमान सरकार ने बंद कर दिया है. लोगों का कहना है कि लैपटॉप कमरे में बंद रहते रहते खराब हो जायेंगे या इसे शासन प्रशासन किसी दूसरी योजना में भी सदुपयोग में ले आयेगा.
डीआइओएस बोले, लैपटॉप के बारे में कोई खबर नहीं
लैपटॉप योजना काफी पुरानी हो चुकी है. वर्तमान सरकार ने उसे बंद भी कर दिया है. उस समय कितने लैपटॉप आये थे और कितने बंटे या कितने अभी भी बचे हुए हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है. कभी भी लैपटॉप के बारे में शासन से भी कोई जानकारी नहीं मांगी गयी. ऐसे में लैपटॉप के बारे में अभी मुझे कोई जानकारी नहीं है.भास्कर मिश्र, डीआइओएस
सत्ता के साथ बदल गयी विभाग की प्राथमिकता
प्रदेश में सत्ता बदलने के साथ ही विभाग की प्राथमिकता भी बदल गयी. उस वक्त जो अधिकारी लैपटॉप को लेकर पूरी तरह मुस्तैद दिखते थे, आज उसकी सुधि लेना भी मुनासिब नहीं समझते. समाजवादी पार्टी की सरकार में सन 2012-13 में लैपटॉप योजना की शुरूआत की.
जिले के करीब एक लाख से अधिक मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप वितरित किया गया. योजना के तहत अगले दो वर्षों में लैपटॉप वितरण की स्कीम बदल कर उन छात्रों को लैपटॉप दिया गया जो जिले में टॉप टेन पर रहे.
इसके चलते करीब दो हजार तक लैपटॉप बच गये. 2015 में हाईस्कूल व इंटर के छात्रों को योजना के तहत 1803 लैपटॉप वितरित करने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें से 1465 छात्रों को लैपटॉप दिया गया. वहीं 2016 में 1791 लक्ष्य के सापेक्ष 1616 छात्रों को लैपटॉप वितरित किया गया. इस दौरान अलग-अलग समय पर आये लैपटॉप को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के एक कक्ष में बंद करा दिया गया.

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