27.6 C
Ranchi
Advertisement

पीलीभीत में बाघ की दहशत, चार दिन में दो किसानों की मौत

ALERT NEWS: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में बाघ की दहशत फैल गई है. चतीपुर में बाघ का वीडियो वायरल हुआ है, जबकि सेहरामऊ क्षेत्र में बाघ ने चार दिनों में दो किसानों की जान ले ली. वन विभाग बाघ को पकड़ने की कोशिश में जुटा है.

ALERT NEWS: उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में इन दिनों एक बाघ ने दहशत का माहौल बना दिया है. चतीपुर क्षेत्र में बाघ का एक वीडियो वायरल होने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है. वायरल वीडियो में बाघ खुलेआम सड़क पर घूमता नजर आ रहा है, जिससे यह साफ हो गया है कि अब यह जंगली जानवर मानव बस्तियों के बेहद करीब पहुंच चुका है.

स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से बाघ की आवाजाही की आशंका थी, लेकिन अब वीडियो सामने आने के बाद डर और ज्यादा बढ़ गया है. लोगों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है — इससे पहले भी बाघ के पंजों के निशान और शिकार किए गए मवेशियों के अवशेष पाए जा चुके हैं.

सेहरामऊ क्षेत्र में चार दिन के भीतर दो किसानों की जान गई

बाघ की बढ़ती दहशत का सबसे खौफनाक पहलू यह है कि पीलीभीत के सेहरामऊ क्षेत्र में बीते चार दिनों के भीतर दो किसानों की जान जा चुकी है. जानकारी के मुताबिक, दोनों किसान अपने खेतों में काम कर रहे थे, तभी बाघ ने उन पर हमला कर दिया. इन घटनाओं से न केवल सेहरामऊ बल्कि आसपास के गांवों में भी भय का माहौल बन गया है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने पहले भी बाघ की मौजूदगी की सूचना वन विभाग को दी थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. अब जब दो जाने जा चुकी हैं, तब प्रशासन हरकत में आया है.

ग्रामीणों में डर और आक्रोश, बच्चों की पढ़ाई और खेतों का काम प्रभावित

चतीपुर और सेहरामऊ के ग्रामीण अब बेहद डरे हुए हैं. किसान खेतों में जाने से कतरा रहे हैं, और जो जाते भी हैं वे समूह में जाते हैं. महिलाएं और बुजुर्ग घर से बाहर नहीं निकल रहे. बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा है क्योंकि अभिभावक उन्हें स्कूल भेजने से डर रहे हैं. कई गांवों में रात को ग्रामीण खुद पहरा दे रहे हैं. लोगों की मांग है कि जब तक बाघ को पकड़ा नहीं जाता, तब तक क्षेत्र में विशेष निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था की जाए.

वन विभाग की कार्रवाई शुरू, पिंजरे और कैमरा ट्रैप लगाए गए

बाघ की मौजूदगी की पुष्टि के बाद वन विभाग ने अभियान तेज कर दिया है. चतीपुर और सेहरामऊ क्षेत्र में विशेष टीमें तैनात की गई हैं. पिंजरे लगाए गए हैं और बाघ की गतिविधियों को रिकॉर्ड करने के लिए कैमरा ट्रैप भी लगाए गए हैं. वन विभाग का मानना है कि यह बाघ पीलीभीत टाइगर रिजर्व से भटक कर आया है. विभाग बाघ को पकड़कर सुरक्षित तरीके से जंगल में छोड़ने की योजना पर काम कर रहा है.

बढ़ता मानव-वन्यजीव संघर्ष चिंता का विषय

यह घटना मानव और वन्यजीवों के बीच बढ़ते संघर्ष की एक और मिसाल है. विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों की कटाई, अतिक्रमण और प्राकृतिक आवासों की कमी के कारण बाघ जैसे जानवर अब बस्तियों की ओर आ रहे हैं. इससे न केवल इंसानों की जान को खतरा है, बल्कि वन्यजीवों की भी जान जोखिम में है.

प्रशासन और ग्रामीणों को मिलकर उठाने होंगे कदम

ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रशासन, वन विभाग और ग्रामीणों को मिलकर कदम उठाने होंगे. जागरूकता अभियान चलाकर ग्रामीणों को सतर्क किया जाना चाहिए, साथ ही ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे बाघ को बिना किसी नुकसान के उसके मूल आवास में वापस भेजा जा सके. पीलीभीत के चतीपुर और सेहरामऊ क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी ने प्रशासन और आमजन दोनों को चिंता में डाल दिया है. चार दिन में दो लोगों की जान जाना इस बात का संकेत है कि हालात गंभीर हैं और तत्काल ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है. बाघ को सुरक्षित तरीके से पकड़ना, ग्रामीणों को सुरक्षा देना और भविष्य में ऐसे संघर्षों से बचने के लिए स्थायी समाधान खोजना अब समय की मांग है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel