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UP Budget: सीएम योगी क्‍यों बोले- हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले, भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं…

सीएम योगी ने राज्यपाल को धन्यवाद देते हुए सरकार के पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों का परिचय दिया और भावी कार्ययोजना भी बताईं. उन्‍होंने तंज करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष की कुछ बातों पर मुझे आश्चर्य हो रहा था. एक होता है व्यक्ति चुनावी सभाओं में बोलता है. मीठी-मीठी बातें करता है लेकिन...

UP Vidhansabha Budget Session 2022: यूपी विधानसभा में सदन की कार्यवाही का शुक्रवार को पांचवा दिन था. इसमें दिन की शुरुआत प्रश्‍नकाल के साथ की गई. इसके बाद सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ ने बजट पर धन्‍यवाद देते हुए सबको बधाई दी. उन्‍होंने कहा कि अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में अब तक कुल 117 सदस्य भाग ले चुके हैं. सत्ता पक्ष के 67 और विपक्ष के 50 सदस्यों ने लोकतंत्र के मंदिर की गरिमा बढ़ाने का काम किया है.

नाम लिए बगैर विपक्ष पर हमला

सीएम योगी ने राज्यपाल को धन्यवाद देते हुए सरकार के पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों का परिचय दिया और भावी कार्ययोजना भी बताईं. उन्‍होंने तंज करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष की कुछ बातों पर मुझे आश्चर्य हो रहा था. एक होता है व्यक्ति चुनावी सभाओं में बोलता है. मीठी-मीठी बातें करता है लेकिन सदन में अगर जमीनी धरातल की बात होती तो बेहतर होता. ‘नजर नहीं है नजारों की बात करते हैं, जमीं पर चांद-सितारों की बात करते हैं, वो हाथ जोड़कर बस्ती को लूटने वाले, भरी सभा में सुधारों की बात करते हैं…’ उन्‍होंने कहा कि अभिमान तब होता है जब आपको लगता है कि आपने कुछ किया है और सम्मान तब होता है जब लोग कहें कि आपने कुछ किया है. हमें अपने कार्यों से जनता जनार्दन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. जनता का जनादेश भाजपा नेतृत्व के कार्यों के प्रति एक आशीर्वाद है. हम ढिंढोरा पीटकर नहीं कहते कि हमने एक्सप्रेस वे बना दिया, एयर कनेक्टिविटी दे दी.

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ममता बनर्जी पर जताया रोष

उन्‍होंने कहा कि जनता ने तमाम अफवाहों को दरकिनार कर 37 वर्षों के बाद कोई सरकार फिर से आई है और धमाकेदार ढंग से अपना काम कर रही है. इतनी बड़ी आबादी का राज्य..हर सरकार ने कुछ न कुछ प्रयास जरूर किया होगा लेकिन आखिर हम क्यों जनता की अकांक्षाओं का प्रतीक नहीं बन पा रहे थे. हम जीते तो ठीक, बीजेपी जीते तो ईवीएम की गड़बड़ी..यह कहना जनता का अपमान है. उन्‍होंने एक प्रसंग सुनाते हुए कहा, ‘विधानसभा चुनाव में यहां बंगाल से एक दीदी आई थीं जबकि उनके अपने राज्य में चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा की घटनाएं हुईं. 242 में से 142 सीटों पर हिंसक घटनाएं घटी थीं. 25 हजार बूथ प्रभावित हुए थे. भाजपा के 10 हजार से अधिक कार्यकर्ता शेल्टर होम में जाने को मजबूर हुए थे. 57 लोगों को हत्या हुई. 123 महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ. यह सब उस वेस्ट बंगाल में हुआ जहां की आबादी यूपी की आबादी की आधी है.

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पीएसी की 54 कंपनियां किसने बंद कीं?

उन्‍होंने कहा कि क्या यह सही नहीं है कि 2017 से पहले दुनिया के सबसे बड़े सिविल पुलिस बल में 1.50 लाख पद रिक्त थे. हमने 1.54 लाख पुलिस भर्ती की. एक भी भर्ती पर सवाल नहीं. पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से सम्पन्न कराई. इसके बाद ट्रेनिंग की क्षमता को तिगुना किया. पैरामिलिट्री, मिलिट्री के ट्रेनिंग सेंटर लिए गए. बीते 5 सालों में व्यापक पुलिस सुधार हुए. यूपीएसएसएफ और एफडीआरएफ का गठन हुआ. रेंज स्तर पर साइबर थाने बने. आईटीएमेस और सेफ सिटी की परियोजना पर काम हुआ. लखनऊ में फॉरेंसिक इंस्टिट्यूट की कार्यवाही हो रही है. कानून-व्यवस्था में कभी पीएसी की बड़ी भूमिका होती थी लेकिन साजिश के तहत 54 कंपनियां को बंद कर दिया गया. क्या अगर पीएसी होती तो मुजफ्फरनगर बरेली में महीनों महीनों कफ्र्यू रहता? हमने इन्हें बहाल किया. हमने तीन महिला पीएसी बटालियन का गठन किया है. पुलिस भर्ती में 20 फीसदी महिलाओं को जगह दी गई.

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गेहूं क्रय में पारदर्शी व्यवस्था लागू की

राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भावनाओं के अनुरुप हमारा युवा यूपी को 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनामी बनाने में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएगा. अन्नदाता किसानों के बारे में खूब सारी गुमराह करने वाली बातें कही गईं. किस सरकार में किसान आत्महत्या के लिए मजबूर था. दावे के साथ कह सकता हूं कि सर्वाधिक किसान 2004 से 2016 के बीच आत्महत्या को विवश हुए. 2017 में हम आये. प्रदेश की माली हालत ठीक नहीं थी. फिर भी 86 लाख किसानों की कर्जमाफी की. 2017 से पहले क्रय केंद्र पर खरीदारी नहीं होती थीं. बिचौलिए हावी थे. 2017 में हम आये और धान और गेहूं क्रय के लिए एक पारदर्शी व्यवस्था लागू की.

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45 लाख किसान लाभान्वित हुए

उन्‍होंने बताया कि 2012-17 के बीच गेहूं खरीद के नाम पर कुल भुगतान 12804 करोड़ हुआ. भाजपा सरकार के 5 साल में 40158.90 करोड़ का भुगतान किसानों के खाते में किया गया. सपा सरकार के समय धान खरीद के लिए कुल 17190 करोड़ का भुगतान हुआ. हमने 5 वर्ष में 42,244 करोड़ का भुगतान डीबीटी से किया. पिछली सरकार के समय चीनी मिलें औने पौने दाम पर बेंच दी जाती थीं. चौधरी चरण सिंह की भूमि रमाला की चीनी मिल के बारे में किसी ने नहीं सोचा. हमारी सरकार ने एक नई चीनी मिल लगाई. मुंडेरवा में गोली चली थी, हमने मिल चलाई. पिपराइच की मिल चली. आज उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा एथेनाल उत्पादक राज्य हो गया. बाणसागर, अर्जुन सहायक और सरयू नहर सहित 20 सिंचाई परियोजना को पूरा किया. वर्तमान में 21 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता बढ़ी है. 45 लाख किसान लाभान्वित हुए पर ड्रॉप मोर क्रॉप के अच्छे नतीजे बुंदेलखंड में मिले हैं.

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