Rourkela New: दर्लीपाली स्थित एनटीपीसी के पावर प्लांट और एश पोंड को ग्रामीणों ने सोमवार को बंद करा दिया. प्रदूषण सहित अन्य समस्याओं को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखा गया. ग्रामीणों के समर्थन में खुद विधायक जोगेश सिंह भी उतर आये. बारोबगा और अलुपाड़ा के निवासियों ने सोमवार को प्लांट से परिवहन पूरी तरह से ठप कर दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन और सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया. हालात को देखते हुए घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया.
खेती की जमीन हुई नष्ट, लोग बीमारियों का हो रहे शिकार
ग्रामीणों का कहना था कि एनटीपीसी ने पहले ही दर्लीपाली थर्मल पावर प्रोजेक्ट के पास बारोबगा और अलुपाड़ा में लगभग 70 प्रतिशत कृषि भूमि का अधिग्रहण किया था. लेकिन लोगों को उनके घरों या गांवों से पूरी तरह विस्थापित किये बिना, वे उनके गांवों के पास राख का तालाब बना रहे हैं. विकिरण और राख तालाब से प्रदूषण के कारण जहां भूमि पर खेती नहीं हो रही है, वहीं लोग पहले से ही श्वसन, हृदय और गुर्दे की बीमारियों के साथ-साथ सड़क हादसों के शिकार हो रहे हैं. एनटीपीसी प्रभावित गांवों को विस्थापित किये बिना अवैध रूप से पास में धूल के तालाब का निर्माण कर रही है.
प्रवासी भारतीयों ने भारत सरकार को पत्र लिखकर जतायी थी चिंता
एक महीने पहले भी प्रवासी भारतीयों ने इस पर आश्चर्य जताया था और भारत सरकार को लिखे पत्र में उल्लेख किया था कि चूंकि सुंदरगढ़ जिले में विस्थापन या विस्थापन की समस्या एक सार्वजनिक मुद्दा है, इसलिए इस पर उचित कार्य किये जाने की आवश्यकता है. दर्लीपाली एनटीपीसी थर्मल पावर परियोजना का निर्माण सभी नियमों और विनियमों का उल्लंघन करते हुए लोगों को पूरी तरह से विस्थापित किये बिना, बारोबगा और अलुपाड़ा गांव के पास लगभग 400 एकड़ भूमि पर किया जा रहा था. एक ओर ग्रामीण तापज विद्युत परियोजना से उत्पन्न विकिरण से पीड़ित हैं, तो दूसरी ओर राख और धुएं से भी.
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की टीम ने लिया था जायजा
इस संदर्भ में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी) की एक टीम एश पोंड और तापज बिजली परियोजना का दौरा करने और स्थिति का आकलन करने के लिए दिल्ली से दर्लीपाली आयी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि एनटीपीसी 3,200 मेगावाट की उच्च क्षमता वाली ताप विद्युत उत्पादन की चार इकाइयों और राख तालाब के लिए आवश्यक भूमि का अधिग्रहण न करके लोगों को मौत के कगार पर धकेल रही है. इसलिए, उन्होंने केंद्रीय टीम से अनुरोध किया कि वे तुरंत भूमि अधिग्रहण करें और दोनों गांवों के लोगों को विस्थापित करने के लिए कदम उठायें.
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