Bhubaneswar News: ओडिशा विधानसभा की अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने बुधवार को सदन में अनुशासनहीनता के आरोप में कांग्रेस के दो और विधायकों को सात दिन के लिए निलंबित कर दिया. इसके साथ ही अब कांग्रेस के सभी 14 विधायक निलंबित कर दिये गये हैं. वहीं, विधानसभा के मुख्य द्वार पर बुधवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ हाथापाई के बाद निलंबित कांग्रेस विधायकों को पुलिस ने जबरन हिरासत में ले लिया. पार्टी के एक नेता ने यह आरोप लगाया है.
निषेधाज्ञा के उल्लंघन के लिए कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया : डीसीपी
भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) जगमोहन मीणा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को विधानसभा भवन के पास लागू निषेधाज्ञा के उल्लंघन के लिए हिरासत में लिया गया. कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा परिसर में प्रवेश करने की कोशिश करते समय सुरक्षाकर्मियों से कथित तौर पर हाथापाई की. चूंकि उन्हें ””अनुशासनहीनता”” के आरोप में सात दिन के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था, इसलिए पुलिस ने उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने कहा कि उन्हें सदन में न सही, लेकिन विधानसभा परिसर में प्रवेश करने का तो अधिकार है.
धरना के लिए विधानसभा परिसर में जाना चाहते थे : राम चंद्र कदम
कांग्रेस विधायक दल के नेता राम चंद्र कदम ने कहा कि हम मंगलवार को 14 कांग्रेस विधायकों में से 12 के निलंबन का विरोध करने के लिए महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना देने के लिए विधानसभा परिसर में प्रवेश करना चाहते थे. हालांकि, पुलिस ने हमें विधानसभा परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया. यह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के विशेषाधिकार का घोर उल्लंघन है. मंगलवार को निलंबित किये गये कांग्रेस विधायकों ताराप्रसाद बहिनीपति और रमेश जेना को भी विधानसभा परिसर में प्रवेश करने में परेशानी हुई. हालांकि, उन्हें आखिरकार प्रवेश की अनुमति दे दी गयी. बहिनीपति ने कहा कि हमें सदन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी. हमें विधानसभा में प्रवेश करने के लिए संघर्ष करना पड़ा.
लोकसभा अध्यक्ष के सामने उठायेंगे मामले को : सप्तगिरि उलाका
कोरापुट से कांग्रेस सांसद सप्तगिरि उलाका ने आरोप लगाया कि विधानसभा में प्रवेश करते समय सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. उलाका ने विधानसभा गेट पर संवाददाताओं से कहा कि वे इस मामले को लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष उठायेंगे. क्या उन्होंने कानून तोड़ा है? वे करीब एक घंटे से प्रवेश का इंतजार करते रहे, लेकिन उन्हें अंदर जाने से रोक रहे थे. इससे पहले कांग्रेस के एक नेता ने आरोप लगाया कि अपने खिलाफ कार्रवाई को लेकर विधानसभा के आसन के निकट धरने पर बैठे पार्टी के निलंबित विधायकों को जबरन विधानसभा से निकालकर कांग्रेस भवन के निकट छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि विधायकों को मंगलवार रात विधानसभा से ‘जबरन बाहर निकाल दिया गया’ और उन्हें मास्टर कैंटीन में सड़क पर रात बितानी पड़ी. कांग्रेस के निलंबित नहीं किये गये दो विधायकों में से एक विधायक ताराप्रसाद बहिनीपति ने आरोप लगाया कि हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया और आधी रात को हमें विधानसभा से जबरन बाहर निकाल दिया गया. यह पूरी तरह से अवैध और अलोकतांत्रिक है. कांग्रेस की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष भक्त चरण दास और ओडिशा के एआइसीसी प्रभारी अजय कुमार लल्लू 12 पार्टी विधायकों के निलंबन के विरोध में बुधवार को मास्टर कैंटीन क्षेत्र में धरने पर बैठे हैं.
भोजन, पानी, शौचालय की सुविधा नहीं दी गयी : कांग्रेस विधायक
कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता रामचंद्र कदम ने आरोप लगाया कि विधानसभा में पार्टी विधायकों को भोजन, पानी और यहां तक कि शौचालय की सुविधा भी नहीं दी गयी. कदम मंगलवार रात विधानसभा में उस समय घायल हो गये, जब एक सुरक्षाकर्मी के दरवाजा बंद करते समय उनका हाथ दरवाजे के बीच में आ गया. उनकी उंगली में चोट लग गयी. डीसीपी जगमोहन मीणा ने बताया कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में लिया गया और रिजर्व ग्राउंड में छोड़ दिया गया.महिलाओं के शोषण की जांच के लिए लड़ रही है कांग्रेस : अजय कुमार
कांग्रेस के ओडिशा प्रभारी अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ओडिशा में महिलाओं के शोषण और अत्याचार की जांच के लिए सड़क से लेकर सदन तक लड़ रही है. हमारे 12 विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया गया और अब जब प्रदेश अध्यक्ष भक्त चरण दास और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जयदेव जेना विधानसभा में धरने पर बैठे विधायकों से मिलने जा रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें जबरन गिरफ्तार कर लिया. सरकार उच्चस्तरीय जांच से क्यों डर रही है?डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

