चाईबासा : शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए समय से पूर्व प्रसव होने वाली महिलाओं को डेक्सामेथासोन इंजेक्शन दें. वहीं गर्भाशय के जीवाणुओं से संक्रमित शिशु को सदर अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एससीएनयू) में रेफर करे. उक्त निर्देश सोमवार को क्षेत्रीय अस्पताल सभागार में हुई स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में प्रभारी सिविल सर्जन डॉ चंद्रावती बोयपाई ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को दिया. उन्होंने कहा कि संस्थागत प्रसव बढ़ाने व शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए सरकार की ओर से दिये गये डेक्सबोर्ड पर तीन माह में समीक्षा की जायेगी.
उपकेंद्रों में जेंटामाइसिन से करें बच्चों का इलाज: डॉ बोयपाई ने कहा कि स्वास्थ्य उपकेंद्रों में बीमार बच्चों को जेंटामाइसिन इंजेक्शन ( यह आम तौर पर केवल गंभीर संक्रमण सावधान निगरानी या अल्पकालिक खुराक में संक्रमण रोकने के लिए प्रयोग किया जाता है) देकर इलाज करें. स्थिति में सुधार नहीं होने पर बच्चों को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व सदर अस्पताल रेफर करना है. यह दवा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध कराया गया है. बैठक में संस्थागत प्रसव पर जोर दिया गया. मौके पर कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ हरिपाल सोनार, प्रभारी जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ संजय कुजूर, डीपीएम नीरज कुमार यादव, यूनिसेफ के समन्वयक अनिल कुमार सहित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के अलावा सभी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी उपस्थित थे.