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लालच देकर करोड़ों जमा कराया, मांगने पर धमकी
कंपनी के कर्मचारी छोड़ने लगे हैं काम मैनेजर ने कहा- मेरा खुद का पैसा फंसा है चाईबासा : सबसे ज्यादा ब्याज की राशि का सब्जबाग दिखाकर बड़ी बाजार में चल रही चिट फंड कंपनी ग्रामीण सेवा कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड ने सैकड़ों लोगों से करीब एक करोड़ रुपये जमा करवा लिये और अब मैच्योरिटी के […]
कंपनी के कर्मचारी छोड़ने लगे हैं काम
मैनेजर ने कहा- मेरा खुद का पैसा फंसा है
चाईबासा : सबसे ज्यादा ब्याज की राशि का सब्जबाग दिखाकर बड़ी बाजार में चल रही चिट फंड कंपनी ग्रामीण सेवा कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड ने सैकड़ों लोगों से करीब एक करोड़ रुपये जमा करवा लिये और अब मैच्योरिटी के बाद पैसे वापस करने में आनाकानी कर रही है.
कंपनी की ठगी का शिकार हुये चाईबासा निवासी बुधन सिंह हेस्सा ने एसपी से लिखित शिकायत की है. शिकायत मिलने के बाद एसपी ने मामले की जांच कर कार्रवाई के लिये डीएसपी को निर्देश दिया है.
हेस्सा ने शिकायत में बताया है कि उसके एजेंट ने जबरन उसके तीन खाते ग्रामीण सेवा कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी लिमिटेड में खुलवा दिये और अब मैच्योरिटी के 1,81,588 रुपये मांगने पर कंपनी के कर्मचारी उसे तीन माह से दौड़ा रहे हैं. बुधन सिंह ने बताया कि एजेंट के कहने पर एक खाते में वह प्रतिदिन सौ रुपये तथा अन्य दो खातों में दो सौ रुपये वह जमा करता था. मैच्योरिटी पर उसे 100 रुपये जमा करने वाले खाते में 37,566 व दो सौ रुपये वाले खातों में 72,011 रुपये मिलने थे. इस तरह उसे चिंट फंड कंपनी से कुल 1,81,588 रुपये पाने हैं.
कभी भी भाग सकती है संस्था
शिकायकर्ता के मुताबिक कंपनी के मैनेजर मिलने पर पैसे देने के बदले वह उसे उल्टे धमकी दे रहा है. मैनेजर का कहना है कि सैकड़ों लोगों के अलावा खुद उसके (मैनेजर के) ही लाखों रुपये कंपनी में फंसे हुए हैं. किसी का पैसा लौटाया नहीं जा रहा है. यह संस्था कभी भी भाग सकती है. इसके कर्मचारी धीरे-धीरे काम छोड़ रहे है.
शानदार ऑफिस व तीन गुना रकम के जाल में फंस रहे लोग
शानदार ऑफिस और केबिन दिखाकर लोगों को आकर्षित करने वाली ये कंपनिया जमा रकम को दो से तीन गुना करके देने के दावे के साथ छोटे शहरों-कस्बों के लोगों का अपना शिकार बनाती हैं. उनके रंग-बिरंगे ब्रोशर, पैम्पलेट और वैधानिकता के नाम पर दिखाए जाने वाले तमाम दस्तावेज सिर्फ और सिर्फ छलावा हैं.
पश्चिम सिंहभूम बना सुरक्षित गढ़
पश्चिम सिंहभूम चिटफंड कंपनियों का महफूज ठिकाना बन चुका है. पिछले साल 27 जुलाई कोॉ ओरेंजबुलियन लिमिटेड कंपनी के चाईबासा व चक्रधरपुर ब्रांच में एक साथ छापे मारे गये. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया. लेकिन बाद में मामला रफा-दफा हो गया.
इसी तरह हजारों लोगों की गाढ़ी कमाई लेकर फरार नन बैंकिंग कंपनी चेतना मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के मामले में पुलिस ने कार्रवाई कर आधे दर्जन से अधिक लोगों का गिरफ्तार किया था. लेकिन अब भी कई आरोपी फरार चल रहे हैं. यह साफ है कि जिले में दो-पांच-दस नहीं बल्कि सैकड़ों की तादाद में कंपनियां नित नये कारनामे दिखा रही हैं. जबकि इनमें से एक भी चिटफंड कंपनी झारखंड में रजिस्टर्ड नहीं हैं.
बंद हो चुकी कंपनियां
जेबीजी ग्रुप प्रालि, बेथेल ग्रुप प्रालि, हिमालय कंपनी प्रालि, मां तारिणी प्रालि, वैली प्रालि, फेयर प्रालि, चेतना प्रालि, रौशनी प्रालि, हेलियस ग्रुप, रुद्राणी ग्रुप.
एक युवक पुन: चिट फंड कंपनी के ठगी का शिकार हुआ है. इसकी शिकायत मिली है. कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कर करवाई की जायेगी.
– प्रकाश सोय, डीएसपी हेडक्वार्टर
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