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आदेश के बाद भी 29 सालों से नौकरी के लिए परेशान है सुधाकर प्रजापति

गुमला : सदर प्रखंड गुमला के करौंदी निवासी सुधाकर प्रजापति के मामले में सीएम रघुवर दास ने जिले के उपायुक्त शशि रंजन को जांच कर कार्रवाई करते हुए सुधाकर को अनुसेवक के पद पर नियुक्त करने का निर्देश दिया है. ज्ञात हो कि कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग बिहार पटना के आदेश के आलोक में गुमला […]

गुमला : सदर प्रखंड गुमला के करौंदी निवासी सुधाकर प्रजापति के मामले में सीएम रघुवर दास ने जिले के उपायुक्त शशि रंजन को जांच कर कार्रवाई करते हुए सुधाकर को अनुसेवक के पद पर नियुक्त करने का निर्देश दिया है. ज्ञात हो कि कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग बिहार पटना के आदेश के आलोक में गुमला के समाहरणालय में तैयार पैनल सूची के अनुसार गुमला उपायुक्त द्वारा 12 जनवरी 1989 के अंतर्गत सुधाकर को वेतनमान 350-425 पर चतुर्थ वर्ग पद में नियुक्ति पत्र निर्गत कर फाइलेरिया नियंत्रण पदाधिकारी गुमला के कार्यालय में योगदान देने का आदेश दिया गया था.
आदेश निर्गत करने के बाद सुधाकर कई बार फाइलेरिया नियंत्रण पदाधिकारी के कार्यालय गया, परंतु कार्यालय में नियंत्रण पदाधिकारी के नहीं रहने और कार्यालय बंद रहने के कारण योगदान नहीं दे सका. इसके बाद सुधाकर ने वर्ष 2006 तक लगातार समाहरणालय में अनेकों बार अर्जी पत्र समर्पित कर प्रशासनिक विभाग के किसी भी विभाग में अनुसेवक (चतुर्थ वर्ग) पर नियुक्ति करने की मांग की, परंतु सुधाकर की मांग पर किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हुई.
इस पर सुधाकर ने मुख्यमंत्री जनसंवाद के माध्यम से सीधे सीएम के समक्ष अपनी समस्या को रखा और अनुसेवक के पद पर नियुक्त कराने की मांग की. शिकायत मुख्यमंत्री जनसंवाद मे पहुंचने के बाद सीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त को जांच व कार्रवाई का निदेश दिया और जिला स्थापना उपसमाहर्ता से जांच कर रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया है. सुधाकर ने बताया कि वह पिछले 29 सालों से नौकरी के लिए सरकारी कार्यालय का चक्कर लगा रहा है. नौकरी के अभाव में घर-परिवार चलाने में भारी परेशानी हो रही है.

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