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घर में अनाज नहीं, रहने के लिए घर नहीं, जीये तो जीयें कैसे?
जन्मजय, कामडारा : कामडारा प्रखंड की टुरूंडू पंचायत स्थित बोंगदा गेंदाटोली गांव निवासी फागु लोहरा (70) के पास अंत्योदय योजना के तहत पीला कार्ड है, फिर भी वह दाने-दाने के लिए मोहताज है. रोजाना छोटा-मोटा काम कर वह अपने लिए अनाज का जुगाड़ करता है. फागु लोहरा प्लास्टिक से ढंके टूटे फूटे कच्चे घर में […]
जन्मजय, कामडारा : कामडारा प्रखंड की टुरूंडू पंचायत स्थित बोंगदा गेंदाटोली गांव निवासी फागु लोहरा (70) के पास अंत्योदय योजना के तहत पीला कार्ड है, फिर भी वह दाने-दाने के लिए मोहताज है. रोजाना छोटा-मोटा काम कर वह अपने लिए अनाज का जुगाड़ करता है. फागु लोहरा प्लास्टिक से ढंके टूटे फूटे कच्चे घर में रहता है. उसकी कोई संतान भी नहीं है. उसकी पत्नी का निधन भी वर्षों पूर्व हो चुका है.
इस कारण वह अकेला रहता है. इधर, एक वर्ष से डीलर द्वारा राशन नहीं दिये जाने से उसकी परेशानी बढ़ गयी है, जबकि राशन डीलर उक्त वृद्ध के राशन कार्ड पर प्रत्येक माह राशन उठाव का इंट्री कर रहा है. फागु ने बताया कि वह जब राशन उठाव के लिए डीलर के पास जाता था, तो वह मशीन में अंगुली का निशान नहीं उठने की बात कह कर वापस भेज देता था.
इधर दो माह से 15-15 किलो अनाज दिया है. दिसंबर माह में 25 किलो चावल दिया है. इधर, डीलर द्वारा की जा रही गड़बड़ी के मामले को लेकर एमओ भीम उरांव से पूछताछ की गयी, तो उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है. जांच के क्रम में दोषी पाये जाने पर डीलर के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि जिसके अंगूठे का निशान मशीन एक्सेप्ट नहीं करता है, वैसे गरीब लाभुकों के बीच अनाज वितरण करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था है.
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