सिमडेगा: ठेठइटांगर प्रखंड के रायबेड़ा लठाखम्हन निवासी पासकल केरकेट्टा की 12 सितंबर को रांची में मौत हो गयी. गत सात सितंबर को जंगली हाथियों ने उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था. उसका इलाज रांची के एक अस्पताल में चल रहा था. इधर, पासकल की मौत के बाद पूर्व विधायक नियेल तिर्की के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने शव के साथ डीएफओ कार्यालय का घेराव किया.
दिन के लगभग 12:30 बजे कांग्रेसी डीएफओ कार्यालय पहुंचे. घेराव कर रहे लोग मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपया मुआवजा देने, मृतक के परिवार के दो लोगों को नौकरी देने एवं बालिग होने तक बच्चों की पढ़ाई का खर्च वहन करने की मांग कर रहे थे. साथ ही जिस रास्ते से जंगली हाथी आते हैं, उस रास्ते में बैरिकेडिंग करने एवं कॉरिडोर बनाने की भी मांग कर रहे थे. मौके पर नियेल तिर्की ने कहा कि पिछले 15 दिनों से जंगली हाथियों ने कई क्षेत्रों में आतंक फैला रखा है. जानमाल का नुकसान हुआ है.
कई घरों को ध्वस्त करते हुए फसलों को भी बर्बाद कर दिया है. ऐसी स्थिति में ग्रामीण अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तथा दहशत में हैं. उन्होंने कहा वन विभाग हाथियों को भगाने की दिशा में अब तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है. विभागीय पदाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने मांग रखी कि शीघ्र टीम बुला कर जंगली हाथियों को खदेड़ा जाये. घेराव के क्रम में डीएफओ ताजवीर भगत ने 27500 रुपये मुआवजा के रूप में दिये तथा अन्य मागों को वरीय पदाधिकारियों को भेजने का आश्वासन दिया. इसके बाद घेराव कार्यक्रम खत्म किया गया. मौके पर रेंजर गौर सिंह मुंडा, जॉनसन मिंज, पतरस एक्का, शफीक खान, विशाल तिर्की व नन्हु मियां के अलावा मृतक की पत्नी सहित कई लोग उपस्थित थे.