खरसावां.
खरसावां और कुचाई के स्थानीय लोग बंद पड़े सामान्य सुलभ केंद्रों (सीएफसी) को फिर से चालू करने की मांग कर रहे हैं. इन केंद्रों को पुनः सक्रिय करने से महिलाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है. 10 वर्ष पहले तक खरसावां व कुचाई में लगभग 37 सीएफसी सक्रिय थे, जहां महिलाएं तसर कोसा से सूत कताई करती थीं. दो केंद्रों में तसर के कपड़े बुनने का काम होता था. लेकिन 2016 के बाद इन केंद्रों का संचालन बंद होता चला गया. वर्तमान में केवल कुचाई और सेरेंगदा में केंद्र चल रहे हैं, जिनमें सिर्फ 10-12 महिलाएं जुड़ी हैं. अन्य केंद्रों पर ताला लटका है. यदि इन केंद्रों को फिर से शुरू किया जाए, तो महिलाओं को घर-घर काम मिल सकता है.सीएफसी के बंद होने से महिलाओं के स्वरोजगार पर पड़ा असर
खरसावां और कुचाई के गांवों में पहले करीब एक हजार महिलाएं सूत कताई का कार्य करती थीं. सीएफसी बंद होने से तसर कोसा से सूत कताई करने वाली महिलाओं के रोजगार पर गहरा असर पड़ा है. इन महिलाओं को पहले प्रशिक्षण देकर सूत कताई से जोड़ा गया था, जिससे उन्हें अच्छा खासा मेहनताना मिलता था. अब यह कार्य बंद पड़ा है और महिलाएं बेरोजगार हो गयी हैं.रख-रखाव के अभाव में खराब हो रही ””समृद्धि”” और ””उन्नति”” मशीनें
सूत कताई के लिए सीएफसी में लगाए गए सोलर संचालित रीलिंग मशीनें ””समृद्धि”” और ””उन्नति”” रख-रखाव के अभाव में खराब हो रही हैं. ये मशीनें उद्योग विभाग द्वारा स्थापित की गयी थीं, जिनमें बैटरी और सोलर प्लेट शामिल थे. लेकिन नियमित उपयोग नहीं होने और रख-रखाव के अभाव में अधिकतर मशीनें खराब हो चुकी हैं और इनकी मरम्मत की जरूरत है.बंद पड़े सीएफसी को चालू करने की मांग हुई तेज
स्थानीय लोग अब एक बार फिर से बंद पड़े सीएफसी को खोलने की मांग कर रहे हैं. अगर इन केंद्रों को चालू किया जाता है, तो बड़ी संख्या में महिलाएं फिर से स्वरोजगार से जुड़ सकती हैं. विधायक दशरथ गागराई ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से बंद पड़े सीएफसी को चालू करने की मांग की है.महिलाएं बोलीं
“खरसावां में अधिकतर सामान्य सुलभ केंद्र बंद पड़े हैं, जिसके कारण सूत कताई का कार्य ठप है. इससे गांव की महिलाओं के रोजगार पर असर पड़ा है. सरकार से अनुरोध करते हैं कि जल्द से जल्द सीएफसी को फिर से खोला जाए “. कंचन बेहरा, बड़ासाई, खरसावां “सीएफसी में लंबे समय से सूत कताई का कार्य बंद है. हम पूरी तरह बेरोजगार हो गए हैं. सरकार से हमारी अपील है कि सभी बंद पड़े सीएफसी को चालू किया जाए, ताकि गांव की महिलाओं को रोजगार मिल सके “. निर्मला कैवर्त, पदमपुर, खरसावांडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है