खरसावां.
खरसावां के आकर्षणी गेस्ट हाउस परिसर में सेंट्रल सिल्क बोर्ड (वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार) की ओर से शनिवार को रेशम किसानों के बीच जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ. सहायक उद्योग निदेशक (रेशम) रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि देश भर में रेशम प्रोडक्शन को नयी ऊंचाई देने के लिए ‘मेरा रेशम, मेरा अभिमान’ अभियान की शुरुआत की गयी है. इससे एडवांस टेक्नोलॉजी खेतों तक पहुंचेगी व रेशम क्षेत्र का विस्तार होगा.रेशम से है खरसावां-कुचाई की विशेष पहचान
डॉ अपर्णा डॉ अपर्णा ने कहा कि रेशम की खेती के कारण राष्ट्रीय क्षितिज पर खरसावां-कुचाई की विशेष पहचान है. उन्होंने किसानों को तसर की खेती में नयी तकनीक को अपनाने की सलाह दी, ताकि अधिक उत्पादन हो सके.
नयी तकनीक को अपना कर आत्मनिर्भर बनें किसान
पीपीओ खरसावां पीपीओ ने किसानों को तसर रेशम कीटपालन व विकसित हो रहे नयी तकनीक की जानकारी दी. साथ ही तसर किसानों की समस्याओं का समाधान करने की दिशा में पहल करने की बात कही. हाट गम्हरिया पीपीओ ने कहा कि तसर की खेती को अपना कर किसान आत्मनिर्भर बन सकते हैं.देश के 100 जिलों में चलाया जायेगा ‘मेरा रेशम, मेरा अभिमान’ कार्यक्रम
सेंट्रल सिल्क बोर्ड की ओर से देश के 100 जिलों में ‘मेरा रेशम, मेरा अभिमान’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसके तहत झारखंड के छह जिले सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, गोड्डा, गिरिडीह, दुमका व देवघर में यह कार्यक्रम चलेगा. कार्यक्रम में सहायक उद्योग निदेशक (रेशम) रवि शंकर प्रसाद, केंद्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान रांची की वैज्ञानिक डॉ अपर्णा कोप्पारपु, कच्चा माल बैंक चाईबासा के सहायक सचिव राम मोहन प्रमाणिक, खरसावां पीपीओ नीतीश कुमार, हाटगम्हरिया पीपीओ प्रदीप कुमार महतो आदि उपस्थित थे.
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