राजनगर. प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी चौरा पहाड़ की गोद में बसा नेटो गांव में बुद्ध पूर्णिमा धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर अंगारों पर चलकर भक्तों ने अपनी हठभक्ति दिखाई.
वहीं टांगा रजनी के तहत चिलचिलाती धूप में भोक्ताओं ने अपनी पीठ में कील घोंपकर 50 फीट ऊपर खंभे में झूलकर हवा में लहराते हुए हठभक्ति दिखायी. इसे देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ी. सोमवार रात में छऊ नृत्य का आयोजनइससे पहले नेटो गांव भोक्ता रविवार देर रात गाजे-बाजे के साथ तालाब पहुंचे. वहां स्नान कर शिव शक्ति की आराधना को समर्पित यात्रा घट शिव मंदिर तक पहुंचा.
सोमवार को हनुमान घट, कालिका घट एवं गरियाभार का पूजन कर क्षेत्र व गांव की खुशहाली की कामना की. रात को मानभूम शैली छऊ नृत्य का आयोजन किया गया. इसमें कलाकारों ने गणेश वंदना, महिषासुर वध, हर पार्वती, कृष्ण लीला, जरा सिंधु, अभिमन्यु बोध आदि छऊ नृत्य प्रस्तुत कर सबका मनमोह लिया.शिव मंदिर में पूजा के लिए लगी भीड़
मंगलवार सुबह में भक्तों ने शिव मंदिर में पूजा अर्चना की. इस अवसर पर कई भक्तों ने मन्नत मांगी. इसके बाद भक्तों ने अंगारों पर नंगे पांव चलकर शिवभक्ति दिखायी. धीरज महतो ने बताया कि इसमें चारों युगों का समावेश देखने को मिलता है. शिव शक्ति को समर्पित यात्रा घट, धार्मिक अनुष्ठान सत्य युग का वृतांत है. वृन्दाबनी घट त्रेता युग व गरियाभार द्वापर युग का वृतांत है. कलिका घट को कामना घट भी कहा जाता है जो कलियुग को दर्शाता है. उन्होंने बताया कि रजनीफुड़ा में मन व आत्मा की शांति के लिए शरीर को कष्ट देने वाली परंपरा है.
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