संजय महतो, चौका
सरायकेला-खरसावां जिले के चौका थाना अंतर्गत धुनाबुरु पंचायत स्थित बालीडीह गांव में ग्रामीण जलापूर्ति योजना से बनी जलमीनार शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. संवेदक ने जलमीनार का कार्य अधूरा छोड़ दिया है. लोगों के घरों तक पाइपलाइन पहुंचाने का काम पूरा नहीं है. ग्रामीण पेयजल के लिए दूर-दराज के चापाकलों पर निर्भर हैं.हर घर तक पाइपलाइन नहीं पहुंची
मालूम हो कि ग्रामीण जलापूर्ति योजना से हर घर में पाइपलाइन से पेयजल पहुंचाना था. इसके लिए सोलर जलमीनार बनायी गयी. संवेदक ने जलमीनार लगायी. हर घर में पाइपलाइन का काम पूरा नहीं किया. जलमीनार निर्माण कार्य अधूरा छोड़कर संवेदक गायब हो गया है. इसे लेकर ग्रामीणों ने सांसद, उपायुक्त को पत्राचार किया है. अबतक संवेदक का अता-पता नहीं चल पाया है.योजना स्थल पर नहीं है शिलापट्ट
जलमीनार का निर्माण कितनी की लागत से हो रहा था, इससे संबंधित शिलापट्ट भी कहीं नहीं लगा है. ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीण जलापूर्ति योजना से हर घर नल जल योजना में सोलर जलमीनार का निर्माण कराया गया था. दो जलमीनार सुचारु रूप से चालू हुई. उसमें से एक जलमीनार चालू नहीं हुई. संवेदक लापता हो गया है. दो जलमीनार में से एक खराब है. ग्रामीण अब एक जलमीनार से पेयजल पर निर्भर हैं.कोट
घर-घर जल सप्लाई करनी थी. हालांकि घरों में जल नहीं पहुंचता है. शुरुआत में एक सप्ताह तक चालू हुआ था. उसके बाद बंद हो गया है. – बुद्धेश्वर मांझी, ग्रामीण, बालीडीहगांव में गर्मी के दिनों में पेयजल की काफी समस्या होती है. जलमीनार चालू नहीं रहने के कारण अन्य चापाकल में पेयजल के लिए निर्भर रहना पड़ता है.
– बुधनी मांझी, ग्रामीण, बालीडीहडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है