खरसावां : महिलाओं का महत्वपूर्ण जीवित्पुत्रिका व्रत बुधवार (13 सितंबर) को है. आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को जिउतिया के नाम से मनाया जानेवाला यह व्रत महिलाएं संतान के कष्टों के निवारण एवं संतान सुख के करती हैं. इस दिन व्रती माताएं निर्जला उपवास रखती हैं. सरायकेला-खरसावां जिला के विभिन्न भागों में इस व्रत का काफी प्रचलन है. तीन दिनों तक मनाये जानेवाले इस त्योहार के संबंध में कहा जाता है कि सच्चे मन से पूजा करने पर व्रतियों को इसका फल मिलता है.
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जीवित्पुत्रिका व्रत कल आज नहाय खाय से व्रत की होगी शुरुआत
खरसावां : महिलाओं का महत्वपूर्ण जीवित्पुत्रिका व्रत बुधवार (13 सितंबर) को है. आश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को जिउतिया के नाम से मनाया जानेवाला यह व्रत महिलाएं संतान के कष्टों के निवारण एवं संतान सुख के करती हैं. इस दिन व्रती माताएं निर्जला उपवास रखती हैं. सरायकेला-खरसावां जिला के विभिन्न भागों में इस व्रत का काफी […]
इस व्रत का शुभारम्भ मंगलवार 12 सितंबर (सप्तमी तिथि) को नहाय खाय से होगा. सरगही यानि ओठगन 12-13 सितंबर की रात्रि 01:07 बजे से रात्रि 01:39 बजे तक है. इसके बाद अष्टमी तिथि (मंगलवार 13 सितंबर) को व्रत का उपवास रख कर संध्या समय जीमूतवाहन की पूजा कर व्रत की कथा सुनी जाती है. व्रत का पारण नवमी तिथि (14 सितंबर) को होगा.
बुधवार को पूजा एवं कथा श्रवण का मुहूर्त : संध्या 4:31 से रात्रि 10:11 बजे तक. गुरुवार 14 सितंबर को पारण का मुहूर्त : प्रात: 5:33 से 7:05 बजे तक.
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