साहिबगंज. साहिबगंज-गोविंदपुर हाइवे पर बोरियो प्रखंड में औद्योगिक गलियारा बनाने की कवायद जिला प्रशासन ने शुरू कर दी गयी है. बोरियो अंचल अंतर्गत बीरबल कांदर और तेतुलिया समेत छह मौजा की कुल 590.50 एकड़ जमीन को चिह्नित कर जिला प्रशासन की ओर से दो प्रस्ताव व कागजात के साथ प्रबंध निदेशक झारखंड, रांची औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकार रांची को भेजा गया है. जियाडा ने जमीन अधिग्रहण करने के लिए तकरीबन 200 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाने का प्रस्ताव भेजा गया है. राशि से प्रभावितों को मुआवजा दिया जायेगा. मिली जानकारी के अनुसार वीरबल कांदर मौजा में कुल लागत 70 करोड़ 14 लाख 28 हजार 322 रुपये मात्र, तेतुलिया मौजा में कुल 57 करोड़ 43 लाख 46 हजार 332 रुपये मात्र व अन्य चार मौजा कुम्हरजोरी, सरायबिंदा, रामपुर , कुम्हरिया,, चालधोवा, कामोघोड़ा के लिए भी मुआवजा राशि को लेकर पत्र भेजा गया है. अनुमोदन होने के बाद कार्य शुरू होगा. कैसा होगा औद्योगिक गलियारा हेमंत सोरेन सरकार ने पिछले कार्यकाल में ही साहिबगंज-गोविंदपुर हाइवे के दोनों ओर औद्योगिक गलियारा स्थापित करने की बात कही थी. कागजी प्रक्रिया चल रही थी. जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश जिला प्रशासन को दिया था. दरअसल प्राधिकार का मुख्य उद्देश्य उद्यमियों को भूमि उपलब्ध कराकर विकास करना है. ताकि अधिक से अधिक उद्योग धंधे स्थापित हो सके. रोजगार के साधन का सृजन हो सके. रोजगार के अभाव में झारखंड से पलायन की स्थिति बनी रही है. इसको देखते हुए हेमंत सोरेन सरकार ने जिले से ही औद्योगिक गलियारा स्थापित करने की कवायद शुरू की है. सरकार की ओर से न्यूनतम दर पर ब्याज रहित भूमि उपलब्ध करायी जायेगी. इसमें टेक्सटाइल, फुटवियर, कालीन उद्योग, गारमेंट फैक्ट्री, माइनर फॉरेस्ट प्रोसेसिंग केंद्र, हर्बल प्रोसेसिंग सेंटर, एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग सेंटर, आईटी सेंटर जैसे उद्योग धंधे स्थापित की जायेंगे. गलियारा के स्थापना के लिए प्रधान सचिव को भेजा गया पत्र डीसी साहिबगंज. गोविंदपुर-साहिबगंज औद्योगिक गलियारा के स्थापना के लिए गोविंदपुर व साहिबगंज औद्योगिक गलियारा की स्थापना के लिए छह मौजा अंतर्गत कुल 521.78 एकड़ व 02 मौजा अंतर्गत कुल 590.5059 एकड़ भूमि संबंधित दो प्रस्ताव प्रतिवेदन सॉफ्ट व छाया प्रति कॉपी में संलग्न कर प्रबंध निदेशक झारखंड रांची औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकार रांची को आवश्यकता कार्रवाई के लिए उपलब्ध करायी गयी है. हेमंत सती, डीसी
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