साहिबगंज : साहिबगंज महाविद्यालय के आदिवासी कल्याण छात्रावास व महिला छात्रावास की छात्राओं ने नंदन भवन सभागार में सरहुल का पर्व धूमधाम के साथ मनाया. आदिवासी छात्रों द्वारा अतिथियों का स्वागत आदिवासी परंपरा के साथ किया. इसके पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा पुआल का झोपड़ी बनाकर आदिवासी देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की गयी. कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा सिदो कान्हू व बिरसा मुंडा की तसवीर पर माल्यार्पण किया गया. छात्राओं द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम में मेसो पदाधिकारी बबलू मुर्मू ने कहा कि आदिवासी संस्कृति का प्रकृति प्रेम का पर्व है वाहा सरहुल.
जानकारी के अनुसार बाहा पर्व पवित्र पर्व है. मुर्गा की बली चढ़ा कर पूजा अर्चना की जाती है. नाइकी बाबा द्वारा शुद्ध कर पानी छिड़क कर फूल से आदिवासी को एक दूसरे को बांट कर खुशियां मनाते हैं. इस अवसर पर मेसो पदाधिकारी बबलू मुर्मू, सिविल सर्जन डॉ बी मरांडी, डॉ रंजीत कुमार सिंह, छात्र नायक मंशी टुडू, सचिव पत्रास टुडू, जितेंद्र मरांडी, बालदेव उरांव, जाये किस्कू, सुनील मुर्मू, धोने हेंब्रम, अजय आनंद, विजेंद्र बास्की, सुनील मुर्मू, रीना सोरेन, सुशीला मुर्मू, बबली सोरेन, सुनीता मरांडी, धोने हेंब्रम, श्यामदेव हेंब्रम, ठाकुर हांदसा, प्यारे सोरेन, मथियस बेसरा, घनश्याम उरांव, डीपीआरओ प्रभात शंकर, लाउस हांसदा सहित दर्जनों छात्र छात्राएं उपस्थित थे.