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कुंठित हो रही है खिलाड़ियों की प्रतिभा

उदासीनता . जिले में खेल मैदान व स्टेडियम की कमी से खिलाड़ी परेशान जिले के 24 उच्च विद्यालय तथा 250 मध्य विद्यालय में खेल का मैदान नहीं है. वहीं प्रखंड स्तर पर स्टेडियम निर्माण की योजना अधर में लटका हुआ है. खिलाड़ियों को प्रतिभा निखारने का मौका नहीं मिल पाता है. साहिबगंज : साहिबगंज जिले […]

उदासीनता . जिले में खेल मैदान व स्टेडियम की कमी से खिलाड़ी परेशान

जिले के 24 उच्च विद्यालय तथा 250 मध्य विद्यालय में खेल का मैदान नहीं है. वहीं प्रखंड स्तर पर स्टेडियम निर्माण की योजना अधर में लटका हुआ है. खिलाड़ियों को प्रतिभा निखारने का मौका नहीं मिल पाता है.
साहिबगंज : साहिबगंज जिले में एक मात्र स्तरीय सिदो कान्हू स्टेडियम है. स्टेडियम का विस्तार अधूरा रहने के कारण आवासीय एवं डे बोर्डिंग केंद्र एथलेटिक्स के खिलाड़ियों की ट्रेनिंग नहीं हो पाती है. वहीं बोरियो प्रखंड के स्टेडियम शिबू सोरेन कॉलेज के नजदीक बनाया जा रहा है. अतिरिक्त राशि के अभाव में निर्माणाधीन है. जबकि राजमहल, मंडरो, तालझारी, पतना प्रखंड में स्टेडियम नहीं होने के कारण वहां की खेल प्रतिभाएं कुठित हो रही है. दीगर बात यह है कि साहिबगंज प्रमंडल स्तरीय फुटबॉल टूर्नामेंट में चार बार चैंपियन बन चुका है. हर प्रखंड में एक-एक स्टेडियम बनाने की सरकार की योजना अधर में लटकी हुई है.
वहीं उधवा प्रखंड अंतर्गत उधवा स्टेडियम में कंक्रीट व पत्थर रहने लगभग वही हाल बरहेट स्टेडियम का है जहां देखरेख के अभाव में स्टेडियम अच्छी स्थिति में नहीं है. जिले के 24 उच्च तथा 250 मध्य विद्यालय में खेल के मैदान नहीं है. साथ ही खेल शिक्षक नहीं होने के कारण खेल के क्षेत्र में दिक्कत बच्चों को उठानी पड़ रही है. जिले के सभी कस्तूरबा आवाासीय विद्यालय में खेल शिक्षक तो है पर खेल मैदान नहीं है. कहीं-कहीं मैदान भी है तो खेलने लायक नहीं है. वहीं जिले के उवि, उत्कमित उवि, मवि में कोई भी शारीरिक शिक्षक नहीं है. कुल 75 एथलीट खिलाड़ी ट्रेनिंग प्राप्त करते हैं. किंतु खेल उपकरण के अभाव में परेशानी होती है. जिले के फुटबॉल खिलाडियो द्वारा विगत कई वर्षों से फुटबॉल में बेहतर प्रदर्शन किया जाता रहा है. किंतु जहां सरकार द्वारा आज तक कोई भी डे-बोर्डिंग या आवासीय फुटबॉल प्रशिक्षण नहीं दिया गया है.
फुटबॉल का नहीं है प्रशिक्षण केंद्र
फुटबॉल के क्षेत्र में हाल के दिनों में आयोजित संताल परगना स्तरीय टूर्नामेंट में लगातार चौथी बार साहिबगंज मुंडली मिशन के बच्चों ने सफलता का परचम लहराया था. पर फुटबॉल का प्रशिक्षण केंद्र नहीं है. इससे उनको राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का मौका नहीं मिला पाता है.
दर्जनों खिलाड़ी कर चुके हैं नाम रोशन
एथलेटिक्स के क्षेत्र में साहिबगंज जिले के विशाल हेंब्रम, मनोज हेंब्रम, सुलेमान हांसदा, आनंद मंडल, मानिक एक्का, गौतम कुमार, अल्का कुमारी, हसीना खातून, बसंती कुमारी, रूबी कुमारी सहित तीन दर्जन खिलाड़ी ने राज्य व राष्ट्र स्तर पर नाम रोशन किया है. लेकिन जिला मुख्यालय में पूर्ण लाभ नहीं मिलता है.
कहते हैं खेल पदाधिकारी
साहिबगंज में खेल के प्रतिभा की कोई कमी नहीं है. सरकार को पत्र लिखा गया है. फुटबॉल प्रशिक्षण केंद्र बनाने के लिये फिर भी सीमित संसाधन में जिले के खिलाड़ी, उल्लेखनीय प्रदर्शन कर रही है.
प्रभात शंकर, डीपीआरओ सह प्रभारी

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