World Tribal Day 2025: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 9 अगस्त 2025 (शनिवार) को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री और अपने पिता शिबू सोरेन के योगदान को याद किया. शिबू सोरेन के निधन की वजह से आदिवासी दिवस इस वर्ष सादगी से मनाया जा रहा है. शिबू सोरेन का सोमवार (4 अगस्त 2025) को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया था. शिबू सोरेन 81 वर्ष के थे और कई बमारियों से जूझ रहे थे. ब्रेन हेमरेज की वजह से वह एक महीने से ज्यादा समय तक अस्पताल में भर्ती रहे.
विश्व आदिवासी दिवस पर हेमंत सोरेन ने किया ये ट्वीट
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘आज विश्व आदिवासी दिवस है, लेकिन मेरे मार्गदर्शक, मेरे गुरु, मेरे पिता अब शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं. हालांकि, उनका संघर्ष, उनके विचार और उनके आदर्श हमें सदैव प्रेरित करते रहेंगे. वे न केवल मेरे पिता थे, बल्कि संपूर्ण आदिवासी समुदाय सहित झारखंड की आत्मा, संघर्ष के प्रतीक और जल-जंगल-जमीन के सबसे मुखर रक्षक थे.’
आज विश्व आदिवासी दिवस है पर मेरे मार्गदर्शक, मेरे गुरु, मेरे बाबा सशरीर साथ नहीं हैं, मगर उनका संघर्ष, उनके विचार, उनके आदर्श हमें हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। वह न केवल मेरे पिता थे, बल्कि समस्त आदिवासी समाज समेत झारखण्ड की आत्मा, संघर्ष के प्रतीक और जल-जंगल-जमीन के सबसे मुखर… pic.twitter.com/domOEBP0qe
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 9, 2025
‘प्रकृति से शुरू और प्रकृति पर खत्म आदिवास समाज’
हेमंत सोरेन ने कहा, ‘आदिवासी समाज ने ही मानवता को प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर सुखी जीवन जीने का मार्ग दिखाया है. आदिवासी समाज का जीवन दर्शन प्रकृति से शुरू होता है और प्रकृति पर ही समाप्त होता है. हालांकि, सदियों से आदिवासी और अन्य शोषित-वंचित समुदाय हाशिये पर रहने को मजबूर रहे हैं. बाबा (शिबू सोरेन) ने इस स्थिति को बदलने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया.’
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‘शिबू सोरेन ने आदिवासी अधिकारों की रक्षा की’
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह विश्व के आदिवासी लोगों के अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर अपने बाबा ‘दिसोम गुरु’ और उन सभी पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने अपने संघर्षों और बलिदानों के माध्यम से आदिवासी पहचान, संस्कृति, सभ्यता और अधिकारों की रक्षा की.
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