Waqf Law Protest: रांची-भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कार्यालय के सभागार में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी एवं मजलिसे उलेमा झारखंड की संयुक्त बैठक मौलाना उजैर कासमी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में वफ्फ बोर्ड के सदस्य अबरार अहमद, कलाम रशीदी, बुद्धिस्ट सोसाइटी, भाकपा माले, टीएमसी समेत कई संगठनों के पदाधिकारी वफ्फ कानून के विरोध में एकजुट हुए. वक्ताओं ने कहा कि वफ्फ संशोधन कानून के जरिए केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला किया है. वफ्फ बोर्ड की जमीन को अपने कॉरपोरेट दोस्तों को देने के लिए सरकार योजना बना रही है.
अल्पसंख्यक अधिकार मंच करेगा सेमिनार
देश में सेना की जमीन हो, गैरमजरूआ हो या केशर हिंद की जमीन हो या भूदान की जमीन हो. इन जमीनों पर कॉरपोरेट घराने की नजर है. इसीलिए अपने कॉरपोरेट दोस्तों को खुश रखने के लिए मोदी सरकार ने सबसे पहले निशाना अल्पसंख्यकों को बनाया है. सर्वसम्मति से तय किया गया कि अल्पसंख्यक अधिकार मंच झारखंड की ओर से 11 मई को रांची में सेमिनार का आयोजन कर आंदोलन तय किया जाएगा. नेताओं ने झारखंड सरकार से आग्रह किया है कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस कानून को निरस्त करें.
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एक मंच पर आने की अपील
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव कॉमरेड डी राजा एवं राज्य कार्यकारिणी के सदस्य एके रशीदी ने सुप्रीम कोर्ट एवं हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है कि इस कानून को निरस्त किया जाए. सभी संगठनों के नेताओं ने सभी धर्म के माननेवाले लोगों से अपील की है कि एक मंच पर आएं और वफ्फ कानून को निरस्त करने के लिए पहल करें.
मौके पर ये थे मौजूद
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, बुद्धिस्ट सोसाइटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैनेंद्र तथागत, जिला सचिव अजय कुमार सिंह, भारतीय खेत मजदूर यूनियन के राज्य सचिव इम्तियाज खान, मौलाना अजहर कासमी, भाकपा माले के भुवनेश्वर केवट, टीएमसी के राज्य सचिव दयानंद सिंह, मोहम्मद गुलरेज अंसारी, कलाम रशीदी, इम्तियाज भाई, अजय सिंह, जुबेर भाई, इबरार जॉन, मोहम्मद अहमद सहित कई लोग मौजूद थे.
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