पिपरवार. इन दिनो ग्रामीण पशु तस्करों से परेशान हैं. मवेशी घर के बाहर बंधे खूटे से गायब हो जा रहे हैं. या फिर जंगलों में चरने के दौरान गायब हो जा रहे हैं. पिछले डेढ़ महीने में चिरैयाटांड़, किचटो, जिबनातरी आदि गांवों से लगभग 20 मवेशी लापता हो चुके हैं. जानकारी के अनुसार चोरी हुए मवेशियों में किचटो निवासी राजेश महतो, गोला महतो, प्रसाद महतो, नेमा महतो व देवनाथ महतो, बरवाटोला निवासी भीखन महतो, दुखन महतो व धनी महतो, चिरैयाटांड़ निवासी अनिल महतो, खेटू महतो, मनबहाल करमाली, रंजीत साव व चुरग महतो एवं जिबनातरी निवासी विजय गंझू के मवेशी शामिल है. तस्करों का हौसला इस कदर बढ़ा हुआ है कि वे जिबनातरी निवासी विजय गंझू के बैल को खूंटे से खोल कर ले गये. ग्रामीणों के अनुसार अधिकतर चोरी की घटनाएं सोमवार या मंगलवार के दिन होती है. बताया जाता है कि बुढ़मू थाना क्षेत्र के कुछ व्यापारी टंडवा बाजार से पशु की खरीद-बिक्री की आड़ में इस तस्करी में शामिल हैं. दो वर्ष पूर्व पिपरवार पुलिस द्वारा तस्करों के खिलाफ की गयी कार्रवाई के बाद इन्होंने अपना रूट ही बदल दिया. अब ये तस्कर पशुओं को ग्रामीण इलाकों से हो कर ले जाते हैं. जिससे पुलिस की इन पर नजर न पड़े. इस दौरान बनहे, चिरैयाटांड़, हेसाबार, होसिर गांव के रास्ते मवेशियों को ले जाया जाता है. बताया जाता है कि रास्ते में पड़ने वाले प्रत्येक गांव में वे अपना एजेंट बना रखे हैं. एजेंट मवेशियों को चुरा कर उन्हें सौंप देते हैं. कभी-कभी तो चोरी के लिए वाहनो का उपयोग किया जाता है. ग्रामीण मवेशी चोरी की शिकायत पुलिस से नहीं करते हैं. जिससे पुलिस तस्करों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं कर पाती है. मवेशी चोरी की घटनाओं से ग्रामीणों में तस्करों के खिलाफ काफी आक्रोश है.
पिछले डेढ़ महीने में चिरैयाटांड़, किचटो, जिबनातरी आदि गांवों से 20 मवेशी की चोरी
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