प्रतिनिधि, इटकी.
इटकी के कुंदी गांव में शव दफनाने को लेकर उत्पन्न विवाद फिर सुलझ नहीं पाया. मामले को लेकर बुधवार को अंचल सभागार में सीओ अनीस की अध्यक्षता में बैठक हुई. जिसमें दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बातें रखी. दोनों पक्षों की बातों को सुनने के बाद थाना प्रभारी मनीष कुमार ने बीच का रास्ता अपनाते हुए केवल इटकी थाना क्षेत्र से लाये गये शवों को दफनाने का प्रस्ताव देते हुए दोनों पक्षों में सुलह कराने का प्रयास किया. लेकिन कुंदी के ग्रामीणों ने इसे मानने से इनकार कर दिया. ग्रामीणों का कहना था हर एक गांव की अपनी रीति-रिवाज और परंपरा होती है. जिससे हम जुड़े होते हैं. किसी भी गांव में बाहर से लाकर शवों को दफनाया जाना परंपरा के विरुद्ध है. किसी भी गांव में जमीन खरीद कर घर मकान, दुकान, धर्म स्थल, शैक्षणिक संस्था सहित अन्य कार्य के लिए कोई रोक नहीं है. परंतु अंतिम संस्कार की मान्यता और परंपरा अलग है. किसी भी समुदाय के लोग अपने कब्रगाहों में दूसरे गांव से शव लाकर नहीं दफनाया करते हैं. पेंटेकोस्टल क्रिश्चियन संस्था के लोगों ने अंतिम संस्कार की एक अलग ही परंपरा की शुरुआत कर गांव में अशांति को बढ़ावा दे रहे हैं. मामले का समाधान नहीं होने पर सीओ ने इसे उच्च अधिकारियों को भेजकर उनके मार्गदर्शन के बाद ही आगे की कार्यवाही की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि उक्त विवाद का समाधान होने तक पेंटेकोस्टल क्रिश्चियन संस्था के कुंदी स्थित कब्रिस्तान में बाहरी शव को नहीं दफनाया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है