रांची. सिरमटोली सरना समिति और सरना आदिवासी समाज के तत्वावधान में शनिवार को बैठक हुई. बैठक में रांची, रामगढ़, गुमला, खूंटी से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. इस दौरान सिरामटोली सरना स्थल के समक्ष बन रहे फ्लाइओवर की स्लोपिंग का विरोध किया गया. विरोध स्वरूप फ्लाइओवर के ऊपर झंडागड़ी भी की गयी. बैठक के बाद सिरमटोली चौक के पास मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला जलाया गया. बैठक में कहा गया कि सरना स्थल की जगह लगातार कम होती जा रही है. कनेक्टिंग फ्लाइओवर के कारण इसका वर्तमान प्राकृतिक स्वरूप और अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. सरहुल के समय लाखों की संख्या में सरना धर्मावलंबी यहां आते हैं.
आदिवासी समाज अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र : गीताश्री
बैठक में पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि आदिवासी समाज अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने कई बार राज्य के मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया, परंतु उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि एक अप्रैल को राज्य में आदिवासियों का महापर्व सरहुल है. अगर यहां फ्लाइओवर इसी तरह रहा, आनेवाले समय में यहां भगदड़ भी उत्पन्न हो सकती है. पवन तिर्की और संदीप तिर्की ने कहा कि अगर राज्य सरकार जल्द से जल्द इस पर कोई निर्णय नहीं लेती है, तो हम सभी इस जगह को समतल करने का कार्य करेंगे. बैठक में विजय तिर्की, चंपा कुजूर, सुशील कच्छप, डॉ बिरसा उरांव, गीता लकड़ा, रवि खलखो, रवि मुंडा, झारी लिंडा, प्रदीप तिर्की, आकाश बेक, संगीता कच्छप, अजय तिर्की, सुकरा कच्छप, महादेव उरांव आदि थे.
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