Sarna Dharam Code: रांची-सरना धर्म कोड की मांग को लेकर झारखंड कांग्रेस ने सोमवार को राजभवन के समक्ष धरना दिया. कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने सरना धर्म कोड को लेकर केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जाति जनगणना में सरना धर्म कोड को हर हाल में सातवें कॉलम में शामिल करना होगा. आदिवासी समाज बराबरी में विश्वास रखता है. आदिवासी समाज में बराबरी, सामूहिकता, एकता और भाईचारगी को प्राथमिकता दी जाती है. आदिवासी समाज अपने धर्म को मानने और अपनाने के लिए स्वतंत्र है. मौके पर झारखंड कांग्रेस प्रभारी के राजू समेत अन्य मौजूद थे.
आरएसएस पर जमकर बरसीं मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की
झारखंड की मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि मरांग गोमके ने कहा था कि आदिवासी समाज सदियों से सामूहिकता में जीता आया है. जिस संविधान से देश का संचालन होता आ रहा है, उस संविधान को RSS नहीं मानता. वो संविधान को भारतीय भी नहीं मानता. RSS महिलाओं को अधिकार देना नहीं चाहता.
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मनुस्मृति से मेल नहीं खाती आदिवासी विचारधारा-शिल्पी नेहा तिर्की
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि आदिवासी समाज की विचारधारा मनुस्मृति से मेल नहीं खाती है. इतिहास गवाह है कि आदिवासी समाज में कभी कोई जाति प्रथा नहीं रही. BJP मनुवादी सोच से आदिवासी समाज को चलाना चाहती है. आदिवासी समाज को जाति में बांटना चाहती है, लेकिन आदिवासी समाज ये तय करेगा उसका धर्म कौन सा होगा? आदिवासी समाज अपना धर्म को मानने और अपनाने के लिए स्वतंत्र है. इसका अधिकार संविधान के अनुच्छेद 25 में वर्णित है. ये हमारा मौलिक अधिकार है.
जाति जनगणना में शामिल करना होगा सरना धर्म कोड-मंत्री
कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राहुल गांधी से भी जाति पूछी गयी थी. हम समाज में समानता और सामूहिकता की बात करते हैं. आदिवासी समाज बराबरी में विश्वास रखता है. देश में होनेवाली जाति जनगणना में सरना धर्म कोड को हर हाल में सातवें कॉलम में शामिल करना होगा. ये लड़ाई अपने अंजाम तक जरूर पहुंचेगी.