रांची. साइबर अपराध के खिलाफ चल रहा प्रभात खबर का जन आंदोलन गुरुवार को डोरंडा कॉलेज पहुंचा. कॉलेज के सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रांची जोन के आइजी अखिलेश झा और डोरंडा कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजकुमार शर्मा थे. आइजी अखिलेश झा ने साइबर अपराध के मनोवैज्ञानिक प्रभावों को समझाते हुए कहा : अपराधी लालच और डर के जरिए लोगों के निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करते हैं. आजकल डिजिटल अरेस्ट नाम की ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जबकि ऐसा कोई कानूनी प्रावधान भारत समेत दुनिया में कहीं भी नहीं है. उन्होंने कहा : ह्यूमन माइंड दो कारणों से कुछ वक्त के लिए सीमित हो जाता है. पहला लालच या प्रलोभन और दूसरा डर. इन्हीं दोनों चीजों से साइबर अपराधी ह्यूमन माइंड को इन्फ्लुएंस यानी प्रभावित करते हैं.
ठगी के नये तरीके आ रहे हैं, इसलिए निर्णय लेने से पहले कई बार सोचें
अखिलेश झा ने बताया : हाल ही में एम्स के एक डॉक्टर से ढाई से तीन करोड़ रुपये की ठगी कर ली गयी. वहीं रांची की एक महिला से 22 लाख रुपये ठग लिये गये. जब मैंने उनसे पूछा कि ऐसा कैसे हो गया, तो उन्होंने कहा कि पता नहीं. क्योंकि साइबर अपराधी आपकी निर्णय क्षमता प्रभावित करते हैं. उसी भ्रम में आप ठगी के शिकार हो जाते हैं. इसलिए निर्णय लेने से पहले कई बार सोचें. रांची पुलिस की साइबर टीम विभिन्न प्रकार के अपराधों के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी देगी.सोच-समझकर करें सोशल मीडिया का इस्तेमाल
श्री झा ने विद्यार्थियों को सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक किया. उन्होंने कहा : आज के युवा असल दुनिया से ज्यादा वर्चुअल दुनिया में जीते हैं. मेरी खुद की बेटियां भी सोशल मीडिया पर लाइक्स और व्यूज की गिनती पर ध्यान देती हैं. इसको लेकर चिंता होती है. उन्होंने कहा : मेरा फेसबुक आइडी है, लेकिन इसे पिछली बार कब देखा, यह भी याद नहीं है. इंस्टाग्राम पर नहीं हूं. उन्होंने संस्कृत की कहावत : अति सर्वत्र वर्जयेत… का जिक्र करते हुए कहा : किसी भी चीज की अधिकता अच्छी नहीं होती. इसलिए सोशल मीडिया का उपयोग सोच-समझकर करें. बुद्ध कह गये हैं कि हमें मध्यम मार्ग अपनाना चाहिए. मैं यह नहीं कहता कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल गलत है, लेकिन इसका उपयोग कम से कम हो, तो बेहतर होगा.खुद जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें
डोरंडा कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजकुमार शर्मा ने कहा : टेक्नोलॉजी ने हमें नयी सुविधाएं दी हैं, लेकिन इसके गलत इस्तेमाल से साइबर अपराधी सक्रिय हो गये हैं. प्रभात खबर और पुलिस की इस जागरूकता मुहिम से विद्यार्थियों को इससे बचने में मदद मिलेगी. आज के युवा टेक्नोफ्रेंडली हैं. इसलिए प्रभात खबर के इस जन आंदोलन में झारखंड पुलिस की ओर से दी जा रही जानकारी को लोगों तक पहुंचायें. खुद जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक करें. हम सब मिलकर काम करेंगे, तभी टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में टीके रह पायेंगे.एक्सपर्ट्स बोले : सावधानी ही बचाव है
डोरंडा कॉलेज में रांची पुलिस साइबर टीम के इंस्पेक्टर संतोष कुमार गोराएं, इंस्पेक्टर आकाश कुमार सिंह, इंस्पेक्टर मनीषा कुमारी, एसआइ विकास कुमार और तकनीशियन संदीप कुमार ने विभिन्न साइबर अपराधों और उनके बचाव के बारे में विस्तार से बताया. विशेषज्ञों ने कहा : साइबर अपराधियों ने लोभ और डर का जाल बिछाया है. इसमें फंसना नहीं है. इस दौरान हैकिंग, फेंक अकाउंट, डिफरमेशन, डीप फेंक व सेक्स्टॉर्सन के बारे में जानकारी दी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है