Jharkhand High Court: रांची, राणा प्रताप-झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अदालत में टेंडर कमीशन घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री आलमगीर आलम और उनके आप्त सचिव रहे संजीव कुमार लाल की ओर से दायर अलग-अलग जमानत याचिकाओं पर आंशिक सुनवाई हुई. अदालत ने जमानत याचिकाओं पर सुनवाई से अपने को अलग कर लिया और कहा कि चीफ जस्टिस की अनुमति से इन मामलों को उनकी सूची से हटा कर किसी अन्य पीठ के समक्ष रखा जाए.
निचली अदालत में जमानत याचिका हो चुकी है खारिज
निचली अदालत में जमानत याचिका खारिज होने के बाद झारखंड के पूर्व मंत्री आलमगीर आलम और उनके आप्त सचिव संजीव कुमार लाल ने झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के टेंडर में कमीशन से जुड़े मनी लॉउंड्रिंग के आरोप में तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव कुमार लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम सहित अन्य ठिकानों पर छापा मारा था.
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15 मई को ईडी ने आलमगीर आलम को किया था अरेस्ट
छापेमारी के दौरान ईडी को जहांगीर आलम के आवास से 32 करोड़ रुपये कैश तथा संजीव लाल के आवास से कंप्यूटर और डायरी में विकास योजनाओं में कमीशन के रूप में वसूले गये रुपये का पूरा ब्योरा मिला था. गिरफ्तारी के बाद झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस (आप्त सचिव) संजीव लाल सस्पेंड कर दिए गए थे. पिछले दिनों करोड़ों की कैश बरामदगी मामले में ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद ईडी ने झारखंड के तत्कालीन मंत्री आलमगीर आलम को पूछताछ के लिए बुलाया था. उन्हें 15 मई 2024 को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था.
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