Jharkhand High Court: रांची, राणा प्रताप-झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में जेलों की व्यवस्था में सुधार और मॉडल जेल मैनुअल को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान एमीकस क्यूरी और राज्य सरकार का पक्ष सुना. खंडपीठ ने राज्य की जेलों में 81 प्रतिशत से अधिक पद खाली रहने को गंभीरता से लिया और मुख्य सचिव को सख्त निर्देश दिया. खंडपीठ ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि जेलों में रिक्त सभी पदों को 30 सितंबर तक भरा जाये. इसके साथ ही अगली सुनवाई में स्टेटस रिपोर्ट दायर किया जाए. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने सात अक्तूबर की तिथि निर्धारित की.
जेलों में 81 प्रतिशत पद खाली-एमीकस क्यूरी अधिवक्ता
इससे पूर्व मामले के एमीकस क्यूरी अधिवक्ता मनोज टंडन ने पक्ष रखते हुए झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ को बताया कि लंबे समय से जेल सुधार को लेकर सुनवाई हो रही है. जुलाई 2023 में यह बात सामने आयी थी कि राज्य की जेलों में 81 प्रतिशत पद खाली हैं. कोर्ट ने रिक्त पदों को भरने का आदेश दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई सरकार के स्तर से नहीं हो रही है.
झारखंड हाईकोर्ट ने लिया था स्वत:संज्ञान
जेल सुधार और मॉडल जेल मैनुअल के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि मॉडल जेल मैनुअल के मामले में क्या कार्रवाई हुई है? सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जेल की व्यवस्था में सुधार तथा मॉडल जेल मैनुअल बनाया जाना है. सरकार ने कोर्ट के निर्देश के बाद जेल मैनुअल बना दिया है.

