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jee main result 2020 : रंग ला रही सरकार की योजना आकांक्षा-40. सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चे बन रहे आइआइटीयन

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टराज्य के सरकारी स्कूलों के बच्चे राज्य सरकार द्वारा संचालित निःशुल्क कोचिंग ‘आकांक्षा 40’ के जरिये तैयारी कर अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन कर रहे हैं. इस पर ‘आकांक्षा 40’ के 23 विद्यार्थियों ने जेइइ मेन में सफलता प्राप्त की है. इनमें से कुछ ने जेइइ एडवांस में भी बेहतर प्रदर्शन किया था. पांच विद्यार्थियों का चयन देश के विभिन्न आइआइटी संस्थानों में नामांकन के लिए हो गया है.

इधर, इस संस्था के 25 विद्यार्थी यूजी नीट-2020 में सफल हुए हैं. खास बात यह है कि उक्त सभी विद्यार्थियों ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास की थी. इनमें से अधिकतर विद्यार्थियों के परिवार की आर्थिक स्थित अच्छी नहीं है. मिसाल के तौर पर जेइइ मेन एडवांस में 98.65 परसेंटाइल लानेवाले रांची के किशोरगंज निवासी अंशु कुमार के पिता फेरी लगाकर राजधानी की दुकानों में टॉफियां पहुंचाते हैं.

अंशु ने जेइइ एडवांस में ओबीसी श्रेणी में 1904 रैंक हासिल किया था. वह आइआइटी भिलाई में नामांकन लेने की तैयारी कर रहा है. अंशु ने बताया कि इंटर में उसने संत जेवियर्स कॉलेज रांची में दाखिला लिया था. आकांक्षा में चयन होने के बाद वहां से नामांकन वापस ले लिया. कहा : सरकारी स्कूलों के बच्चे भी बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं, जरूरत केवल उन्हें सही प्लेटफॉर्म देने की है. ‘आकांक्षा 40’ से उसे काफी मदद मिली है.

उधर, यूजी नीट-2020 में देश में 402 रैंक लानेवाले कोडरमा के राहुल कुमार को 720 में 685 अंक मिले हैं. राहुल ने बताया कि उसने मैट्रिक तक की पढ़ाई उत्क्रमित उच्च विद्यालय पत्थलडीहा कोडरमा से की थी. उसे मैट्रिक में 84.4 फीसदी मिले थे. उसके पिता खेती के साथ-साथ मजदूरी भी करते हैं.

उसने बताया कि सरकारी स्कूल के बच्चों को 10वीं तक यह पता ही नहीं रहता है कि उन्हें आगे क्या करना है? शिक्षक उसे कैरियर से संबंधित कोई जानकारी नहीं देते हैं. इस कारण भी सरकारी स्कूल के बच्चों को आगे परेशानी होती है. इसलिए वह आगे जाकर सरकारी स्कूल में बच्चों को कैरियर संबंधी जानकारी देगा.

जैक बोर्ड से मैट्रिक व इंटर करनेवाले गरीब बच्चों को ही इस संस्था में मिलता है दाखिला

राज्य सरकार द्वारा राजधानी के बरियातू स्थित बालिका उच्च विद्यालय में ‘आकांक्षा-40’ का संचालन किया जाता है. इस संस्था के संचालन में सरकार राजधानी के कोचिंग संस्थानों के अनुभवी शिक्षकों की मदद लेती है. वीके सिंह को इसका को-ऑर्डिनेटर बनाया गया है.

इसमें नामांकन के लिए प्रतिवर्ष झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा प्रवेश परीक्षा ली जाती है. परीक्षा में वही विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने जैक से मैट्रिक व इंटर की परीक्षा पास की हो. चयनित विद्यार्थियों में से 40 इंजीनियरिंग और 40 मेडिकल के विद्यार्थियों का नामांकन लिया जाता है.

सरकार बच्चों की पढ़ाई-लिखाई से लेकर रहने-खाने तक की व्यवस्था निःशुल्क उपलब्ध कराती है. इस वर्ष से इसमें सीट संख्या 80 से बढ़ाकर 175 करने की तैयारी है. हर साल यहां के बच्चे प्रतियोगी परीक्षा में सफल होते हैं.

आकाश के पिता चलाते हैं स्टेशनरी की दुकान

जामताड़ा के नाला के रहनेवाले आकाशचंद का चयन आइआइटी धनबाद में नामांकन के लिए हुआ है. उसने नाला से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. आकाश के पिता गौतम चंद छोटी सी स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं. आकाश ने बताया कि ‘आकांक्षा 40’ से उसे तैयारी में काफी मदद मिली.

नीतीश के पिता किसान, प्रणव के पिता वकील

यूजी नीट-2020 में देश में 7959वीं रैंक लानेवाले नीतीश कुमार पंडित पलामू के पाटन के रहनेवाले हैं. ओबीसी सी कोटि में उसे 2885वीं रैंक मिली है. उनके पिता गांव में खेती करते हैं. वहीं, गढ़वा के रहनेवाले प्रणव कुमार ओझा को नीट में 98.09 परसेंटाइल प्राप्त हुआ है. उसे सामान्य कोटि में देश में 3079वीं रैंक मिली है. प्रणव ने के पिता वकील हैं. उक्त दोनों ही छात्र निम्न मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं .

posted by : sameer oraon

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