रांची. खेलगांव स्टेडियम के सामने शुक्रवार सुबह बस की चपेट में आने से एक 13 वर्षीय स्कूटी सवार बच्ची की मौत हो गयी थी. मोटर व्हीकल एक्ट के तहत उसकी उम्र कम थी और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था. उसने हेलमेट तो पहना था, लेकिन इसके बावजूद उसकी जान नहीं बच पायी. कम उम्र के बच्चों को स्कूटी और बाइक देकर माता-पिता उन्हें स्कूल या अन्य काम के लिए भेजते हैं, जो एक बड़ी लापरवाही है. ऐसे में सड़क हादसे में बच्चों की जान भी जा सकती है. शनिवार दोपहर 11.45 बजे, प्रभात खबर की टीम ने पुरुलिया रोड का जायजा लिया. इस रोड पर स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राएं बिना हेलमेट के बेहिचक दोपहिया वाहन चलाते दिखे. कोई डबल लोड तो कोई ट्रिपल लोड था, लेकिन किसी ने हेलमेट नहीं पहना था.
हर उम्र के लोग लापरवाह, परिवार संग भी बिना हेलमेट
स्कूली छात्रों के अलावा, युवा, पुरुष, महिलाएं और बुजुर्ग भी बिना हेलमेट के पुरुलिया रोड पर चलते दिखाई दिये. कुछ युवक तो मोबाइल पर बात करते हुये स्कूटी चला रहे थे. पुरुलिया रोड पर कई स्कूल और कॉलेज होने के कारण यहां गाड़ियों का हमेशा दबाव रहता है. ऐसे में बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चला रहे लोग कभी भी बड़े हादसे का शिकार हो सकते हैं. इस रोड पर यातायात पुलिस की कार्यवाही नहीं होने के कारण भी बड़े हादसे की आशंका बनी हुई है.
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