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इनमोसा की अनदेखी कोयला प्रबंधन के लिए ठीक नहीं : अध्यक्ष

सीमित साधन के साथ कोयला उत्पादन कर कोल इंडिया और देश को आगे बढ़ाने में इनमोसा के लोगों ने हमेशा महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

डकरा वीआइपी क्लब में एनके, पिपरवार, मगध-संघमित्रा, अम्रपाली-चंद्रगुप्त और रजाहरा एरिया के पदाधिकारियों की बैठक

प्रतिनिधि, डकरा

सीमित साधन के साथ कोयला उत्पादन कर कोल इंडिया और देश को आगे बढ़ाने में इनमोसा के लोगों ने हमेशा महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसके बावजूद हमारी मांगों की अनदेखी कर प्रबंधन हमें आंदोलन के लिए बाध्य कर रही है. उक्त बातें इंडियन नेशनल माइंस ऑफिशियल एंड सुपरवाइजरी स्टॉफ एसोसिएशन (इनमोसा) के कोल इंडिया कार्यकारी अध्यक्ष विजय सिंह ने कही. वह शनिवार को डकरा वीआइपी क्लब में आयोजित एनके, पिपरवार, मगध-संघमित्रा, अम्रपाली-चंद्रगुप्त और रजाहरा एरिया के पदाधिकारियों की बैठक को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. 24 फरवरी से घोषित आंदोलन को सफल बनाने के उद्देश्य से उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री में इनमोसा को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है. समय आ गया जब माइनिंग सरदार और ओवरमैन मिलकर संगठन की साख साबित करने के लिए पूरी एकजुटता से आंदोलन को सफल बनायें. बैठक को सीसीएल अध्यक्ष रामराज सिंह, सुधीर कुमार सिंह, उमाकांत सिंह आदि ने भी संबोधित किया. संचालन रवींद्र बैठा और धन्यवाद ज्ञापन धीरज कुमार सिंह ने किया. इसके पहले पांच एरिया के पदाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा की. इस अवसर पर अनील सिंह, एसडी राम, गणेश जी, राहुल सिंह, रवींद्र प्रसाद, पवन कुमार, वैजनाथ मुर्मू सहित लगभग 100 लोग मौजूद थे.

नौ सूत्री मांग पत्र सौंपा :

नौ सूत्री मांग पत्र में पांच साल या अधिक समय से कार्यरत माइनिंग स्टाॅफ को पदोन्नति, ओवरमैन सर्टिफिकेट धारक को ग्रेड-बी में प्रमोशन, रेस्ट्रिक्टेड वैधानिक सर्टिफिकेट धारक के लिए प्रमोशन पाॅलिशी बनाने, कंपनी स्तर पर बनी हुई सभी तरह की समितियों में इनमोसा को प्रतिनिधित्व देने, अधिकारियों की तरह चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने, कैडर स्कीम बनाने, ओवरमैन और माइनिंग सरदार पदनाम में सम्मानजनक बदलाव करने, प्राथमिकता के साथ आवास उपलब्ध कराने व मगध-संघमित्रा और अम्रपाली-चंद्रगुप्त एरिया में कार्यरत लोगों के लिए आवास की सुविधा देने की मांग की.

तीन दिन सामूहिक अवकाश का निर्णय :

घोषित आंदोलन के तहत चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा की गयी. उसकी शुरुआत 24 फरवरी से की जायेगी. इस दिन सीसीएल के सभी परियोजना पदाधिकारी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन, तीन मार्च को सभी महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन, 10 मार्च को सीसीएल मुख्यालय पर विशाल धरना-प्रदर्शन और 24 से 26 फरवरी तक सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया गया.

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