रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से राजभवन में मुलाकात कर राज्य में पेसा कानून (पेसा एक्ट) को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए शीघ्र नियमावली गठित करने का आग्रह किया. मालूम हो कि देश में छह राज्यों में पेसा एक्ट लागू है. इनमें आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और तेलंगाना शामिल हैं. जबकि चार राज्य जिनमें झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और ओडिशा में पेसा नियम बना कर इसे लागू करना है. झारखंड में पेसा कानून लागू होने से आदिवासी समुदाय अपने अधिकारों को प्राप्त कर सकेंगे. इस कानून के तहत ग्रामसभाओं को शक्तिशाली और अधिकार संपन्न बनाया जायेगा. पंचायत सचिव ग्राम सभा सचिव के रूप में कार्य करेंगे, वहीं ग्रामसभा की सहमति के बिना जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सकेगा. जबकि ग्रामसभा को गांव में विधि-व्यवस्था बहाल करने के लिए दंड लगाने का अधिकार रहेगा. इसके अलावा ग्रामसभा में कोष स्थापित करने, अनुदान तथा जिला खनिज विकास निधि से की जानेवाली योजनाओं पर फैसला लेने, सामाजिक, धार्मिक और प्रथा के प्रतिकूल होने की स्थिति में ग्रामसभा को इस पर आपत्ति दर्ज करने का अधिकार होगा. ग्रामसभा अपनी पारंपरिक सीमा के अंदर प्राकृतिक स्रोतों का प्रबंधन करेगी. वन उपज का अधिकार दिया जायेगा. लघु खनिजों का भी अधिकार ग्रामसभा को होगा.
मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को हजारीबाग घटना की जानकारी दी
राज्यपाल से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें महाशिवरात्रि के दिन हजारीबाग में हुई घटना की जानकारी दी. मालूम हो कि शिवरात्रि के दौरान हजारीबाग जिले के इचाक थाना अंतर्गत डुमरौन गंव में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प हुई. पत्थरबाजी से कई लोग घायल हो गये, जबकि कई बाइक को आग के हवाले कर दिया गया. बताया जाता है कि गांव के एक चौक पर लोहे के पोल में भगवा ध्वज लगा हुआ था. शिवरात्रि के दिन एक समुदाय के लोग लाउडस्पीकर लगाने पहुंचे, जिसका दूसरे समुदाय को लोगों ने विरोध किया. इचाक थाना प्रभारी दोनों समुदाय के बीच वार्ता कर रहे थे, तभी पत्थरबाजी शुरू हो गयी. इसके बाद भीड़ हिंसक हो गयी.
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