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Ranchi News : आधार कार्ड बनवाने के लिए मांगा जा रहा है क्यूआर कोड वाला जन्म प्रमाण पत्र

बच्चों का आधार कार्ड बनवाना हुआ मुश्किल, अभिभावक परेशान. बिना क्यूआर कोड वाले जन्म प्रमाण पत्र को नहीं किया जा रहा स्वीकार.

उत्तम महतो, रांची.

अगर आपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र रांची नगर निगम से बनाया है और इसमें क्यू आर कोड नहीं है, तो इसके माध्यम से बच्चे का आधार कार्ड नहीं बनवा सकते हैं. इसके लिए आपको नगर निगम से नये सिरे से क्यूआर कोड वाला जन्म प्रमाण पत्र बनाना होगा. राजधानी रांची के हजारों अभिभावक इन दिनों ऐसी परेशानी से जूझ रहे हैं. अभिभावक जब अपने बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए आधार सेंटर पहुंच रहे हैं, तो यहां क्यूआर कोड वाला जन्म प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है. ऐसे में लोगों को लौटना पड़ रहा है.

वर्ष 2017 से पहले के प्रमाण पत्र पर नहीं है क्यूआर कोड

रांची नगर निगम में वर्ष 2017 से क्यूआर कोड युक्त प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है. इससे पहले जिन बच्चों का भी जन्म प्रमाण पत्र नगर निगम द्वारा जारी किया गया है, उस पर क्यूआर कोड नहीं है.

तीन लाख से अधिक प्रमाण पत्र में नहीं है क्यूआर कोड

रांची नगर निगम में एक दिन में औसतन 70-80 जन्म प्रमाण पत्र के आवेदन आते हैं. अगर इसे 50 ही मान लिया जाये, तो एक माह में लगभग 1500 जन्म प्रमाण पत्र रांची नगर निगम जारी करता है. इस प्रकार से एक साल में रांची नगर निगम 18 हजार जन्म प्रमाण पत्र बनाता है. अगर अलग झारखंड राज्य के तिथि वर्ष 2000 से इसकी गणना की जाये, तो वर्ष 2017 तक रांची नगर निगम द्वारा 3.06 लाख जन्म प्रमाण पत्र जारी किया गया है. लेकिन, इस पर क्यूआर कोड नहीं है.

शपथ पत्र दीजिए, चक्कर लगाइए, तब बनेगा क्यूआर कोड वाला जन्म प्रमाण पत्र

अगर आप पुराने जन्म प्रमाण पत्र पर क्यूआर कोड चढ़ाने के लिए नगर निगम आते हैं, तो इसके लिए आपको दफ्तर के चक्कर काटने पड़ सकते हैं. माता-पिता के आधार कार्ड के साथ पुराना बर्थ सर्टिफिकेट नगर निगम में जमा करना होगा. साथ ही एक शपथ पत्र भी जमा करना होगा. इसके बाद अगर पहुंच व पैरवी है, तो आपका प्रमाण पत्र कुछ दिनों में बन जायेगा. अन्यथा देरी हो सकती है.

आधार सेंटरों की मनमानी से अभिभावकों में रोष

आधार सेंटरों की इस मनमानी को लेकर अभिभावकों में रोष है. अभिभावकों ने कहा कि नगर निगम खुद सरकार का एक अंग है. यह विडंबना है कि सरकार की एजेंसी द्वारा जारी प्रमाण पत्र को दूसरी सरकारी एजेंसी नहीं मान रही है. इसमें अभिभावकों की कहां गलती है. अगर आधार केंद्र को इस पर किसी प्रकार की आपत्ति है, तो उसे नगर निगम से खुद सत्यापित करवाना चाहिए, न कि अभिभावकों को परेशान करना चाहिए.

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